छत्तीसगढ़

प्रसिद्ध साहित्यकारों की कालजयी रचनाओं पर काव्य विमर्श, पावस ऋतु पर बरसे कविताओं के बादल

कोंडागांव । छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद व जनजाति सरोकारों कि पत्रिका ककसाड़ के संयुक्त आयोजन में नई पीढ़ी को प्रसिद्ध साहित्यकारों की कालजयी रचनाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से मा दंतेश्वरी हर्बल स्टेट में काव्य विमर्श व पावस ऋतु के स्वागत में  काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल के नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की कालजयी रचना “गीतांजली” पर काव्य विमर्श शुरू हुआ परिषद के अध्यक्ष हरेंद्र यादव ने नवीनतम रचना से पावस ऋतु का स्वागत किया।

कवियत्री व कहानीकार मधु तिवारी ने अपनी रचना “देखो सखी पावस ऋतु आई” सुनाकर वाहवाही बटोरी। हल्बी के सशक्त हस्ताक्षर विश्वनाथ देवांगन ने “चिड़खा” कविता सुनाकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। वरिष्ठ कवि यशवंत गौतम ने पावस ऋतु के स्वागत और माँ पर अपनी कविता सुनाई, गायत्री परिवार के संयोजक व कवि एसपी विश्वकर्मा ने जीवनदायिनी इंद्रावती पर पुरस्कृत कविता सुनाकर सबका दिल जीत लिया। साहित्यकार बृजेश तिवारी नए हिंदी साहित्य के देदीप्यमान नक्षत्र छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत की कविता “पर्वत प्रदेश” में पावस का काव्य विमर्श प्रस्तुत कर प्रशंसा बटोरी। प्रसिद्ध शायर जनाब हयात रिजवी ने अपने चिर परिचित अंदाज में गजलें प्रस्तुत कर माहौल को खुशनुमा बना दिया ।कार्यक्रम का सशक्त संचालन कवियत्री मधु तिवारी ने किया कार्यक्रम में उपस्थित अनुराग त्रिपाठी ने पावस ऋतु पर आयोजित काव्य विमर्श के सफल आयोजन हेतु सभी को साधुवाद दिया।

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

Related Articles

Back to top button