*खम्हरिया-डी में खेतों में झूल रहा बिजली का तार, कृषि कार्य करने वाले किसान परेशान*
*(ग्रामीण अंचलों में विद्युत विभाग की लापरवाही एवं उदासीनता बन सकती है जानलेवा व खतरनाक)*
बेमेतरा:-* विद्युत विभाग की लापरवाही एवं उदासीनता का आलम लगातार ज़िलाक्षेत्र के अंचलों में देखने को मिल रहा है। जिसमे ताज़ा मामला बेरला विकासखण्ड के ग्राम खम्हरिया-डी का है। जहां पर किसानों के खेत पर करीब सालभर से बिजली के करंट प्रवाहित तार झूल रहे है। जिसके सुध लेने के लिए जिम्मेदार विद्युत विभाग के आला अफसरों के पास समय नही है। जबकि इन दिनों उक्त स्थल पर किसानी कार्य होने के चलते यह खतरनाक एवं जानलेवा बन सकता है। बताया जा रहा है कि बिजली के झूलते तारों में करंट होने के चलते आसपास के गुजरना खतरे से कम नही था, जिसकी जानकारी विद्युत विभाग को देने के बाद ध्यान न देने पर ग्रामीणों एवं किसानों ने गाँव के खेतों में उक्त झूलते तार को वैकल्पिक तौर पर बांस की बल्लियों के सहारे जमीन से थोड़ा ऊपर किया है। इसके बावजूद अनहोनी या हादसा का खतरा बना रहता है।जानकारी के मुताबिक उक्त झूलते तार के पास से गर्मी सहित कृषिकार्य के दौरान ट्रैक्टर व अन्य गाड़ियों का आवगमन बना रहता है। लिहाजा खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके बावजूद बिजली विभाग वाले के पास विद्युत के झूलते तारों को ठीक करने का वक़्त नही है। वही यह स्थिति अकेले खम्हरिया-डी तक ही सीमित नही हक़ अपितु बहुत से इलाकों में आज भी विद्युत के पोल एक ओर झुक गए है। जिसे मरम्मत करने एवं ठीक करने में विभाग के अधिकारी कर्मचारी ध्यान नही दे रहे है ,जो हादसे को खुली अमन्त्रणा है। चूंकि ग्राम खम्हरिया डी के खेतों में झूल रहे बिजली के करंट प्रवाहित तारों के सम्बंध में गांव के सजग नागरिक एवं भूतपूर्व सरपँच रोहित वर्मा का कहना है, कि उक्त तार पोल के झुकने के कारण जमीन पर झूल रहा है। जिसे बिजली विभाग को सूचना देने के बाद मरम्मत न करने पर लोगो के साथ मिलकर बांस की बल्लियों पर अस्थायी रूप से व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है, जो ज़्यादा दिन तक नही टिकेगा। अतः विभाग के अफसरों से गुजारिश है, कि वे तत्काल आकर खम्हरिया-डी में झुके खम्भों एवं विद्युत तारो की मरम्मत कर अपनी जिम्मेदारी निभाये अन्यथा किसी दिन हादसा होना तय है। जिसके प्रति जवाबदार विभागीय अफ़सर होंगे। वही एक अन्य नागरिक ने बताया कि ऐसा स्थिति सिर्फ यही बस नही है, अपितु गाँव मे अनेक जगहों पर मरम्मत की दरकार है। जिस पर अधिकारियों को सुध लेनी चाहिए।