*ग्रामीण अंचलों में पोला पर्व की धूम,रंग-बिरंगे परिधान में सजे बैलों की हुई दौड़ प्रतियोगिता*

*(ज़िलांचल में विभिन्न पारम्परिक प्रतियोगिताओं के साथ नदी बैल का पूजा कर मनाया गया पोला पर्व)*
*बेमेतरा:-* प्रदेश का प्रमुख पारम्परिक लोकपर्व पोला त्यौहार कल सोमवार को सम्पूर्ण ज़िलेभर में बड़े धूमधाम से मनाया गया।गौरतलब हो कि कृषि प्रधान एवं संपन्न बेमेतरा ज़िले में हरसाल पोला पर्व की विशेष धूम व खास महत्व होता है।जिसमे भादो कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन यह पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता रहा है। इस दिन भगवान शिव के वाहन नंदी बैल की पूजा ज़िलाक्षेत्र के गाँव-गाँव मे पूरे रीतिरिवाजों के साथ की जाती है।जिसमे पोला पर्व पर सुबह से बैलों को स्नान करा कर हल्दी-रोचन से तिलक लगा कर पूजा-आरती कर मनाया जाता है। वही इस मौके पर छत्तीसगढ़ी पकवान ठेठरी, खुर्मी सहित चांवल से बने पकवान का भोग खिलाया जाएगा। इस त्यौहार के बाद से ही बेटियों को तीज का त्योहार मनाने के लिए ससुराल से मायके लाने का सिलसिला भी पोला के दिन से शुरू हो जाता हैं। बेमेतरा जिलान्तर्गत बेरला ब्लॉक के ग्राम पतोरा में जहां गाँव की महिलाएं एकत्र होकर पोला पटकते दिखाए दिए तो वही अन्य गाँवो में बैलों को रंग-बिरंगे परिधान में सजाकर नदी बैल का पूजा किया। इसके साथ अनेको गाँवो में बैल दौड़ प्रतियोगिता हुई। जिसे देखने के लिए लोगों का हुजुम उड़म पड़ा।फलस्वरूप प्रतिवर्ष की भांति विगत कोरोना संकटग्रस्त वर्ष को छोड़कर हरसाल की तरह बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ ज़िलांचल सहित समुचे कृषि प्रधान व कृषि संपन्न बेमेतरा ज़िला क्षेत्र में पारम्परिक पोला पर्व मनाया गया।