छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

पोषण वाटिका से कुपोषण के दंश को धीमा करने किया जाएगा प्रयास:Efforts will be made to slow down the bite of malnutrition from Nutrition Vatika

दुर्ग। आज राष्ट्रीय पोषण माह को लेकर मीटिंग का आयोजन डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के द्वारा किया गया।  जिसमें नोडल विभाग के रूप में महिला एवं बाल विकास और सहयोगी संस्थाएं उपस्थित थे। मीटिंग में महीने भर की गतिविधियों को शामिल किया गया था। जिसमें बाल संदर्भ शिविर, शिशु आहार, कृमि मुक्ति दिवस, पोषण में पुरूषों की सहभागिता, प्रसव पूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान, एनीमिया, विकास की निगरानी, पोषक वाटिका, पोषण किट वितरण, मिलेट आहार तथा स्वस्थ भोजन (फूड फोर्टिफिकेशन) आदि शामिल हैं।

कलेक्टर ने कहा कि पोषण माह गतिविधियाँ सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार तथा जन आंदोलन दिशा-निर्देशों पर आधारित हैं। उन्होंने महिला बाल विकास एवं सहयोगी विभागों को समन्वय एवं तकनीक का प्रयोग करते हुए एवं कोविड 19 संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए , योजना के सफल संचालन का निर्देश दिया।

उन्होंने पोषक वाटिका पर विशेष जोर देते हुए कहा कि संतुलित आहार न होना, पोषक तत्व की कमी का मुख्य कारण है। इसलिए भोजन की  थाली को पोषक थाली के रूप में परिवर्तित करना बहुत आवश्यक है। यदि हम स्थानीय खाद्यानों अनाज, दलहन-तिलहन, साग-सब्जी एवं फल का जैविक रूप से उत्पादन करेंगे तो पोषाहार की प्राप्ति कर सकते है। इसके लिए आवश्यक है कि हम जीवन चक्र पद्धति को अपनाकर चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान संचालित करें।

जैविक खाद से पोषक वाटिका की जाएगी तैयार- जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिला एवं बाल विकास विभाग की मदद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के द्वारा पोषक वाटिका तैयार की जाएगी। पोषक से भरपूर सब्जियां का उत्पादन जैविक खाद के द्वारा किया जाएगा ताकि गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों की सेहत में सुधार आये। प्रसव पूर्व जांच व गर्भावस्था तथा स्तनपान के दौरान पोषण पर चलाया जाएगा जागरूकता

कार्यक्रम – गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव के पूर्व जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। गर्भावस्था तथा स्तनपान के दौरान माता और बच्चे पर कोई भी दूष्प्रभाव न पड़े इसके लिए माताओं को पोषण आहार की जानकारी एवं विटामिन से संबंधित दवाईयां उपलब्ध कराई जाएगी।

एनीमिया कैंप का किया जाएगा आयोजन- महिलाओं एवं बालिकाओं में खून की कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न स्थलों पर विशेष कैम्पों का आयोजन किया जाएगा। हीमोग्लोबिन टेस्ट की व्यवस्था भी की जाएगी।
बाल संदर्भ शिविर का होगा आयोजन- चिन्हाकिंत गंभीर कुपोषित बच्चों हेतु मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत बाल संदर्भ शिविर का आयोजन किया जाएगा। पोषण अभियान को गति देने के लिए जागरूकता से संबंधित गतिविधियों को जमीनी स्तर पर जिले में क्रियान्वित किया जाएगा।

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