सूचना के अधिकार के पालन में निजता का हनन ना हो ,यह रखें ध्यान: Privacy should not be violated in compliance with the right to information, keep this in mind
-आरटीआई अधिनियम में व्यापक लोकहित सबसे महत्वपूर्ण
-सूचना के अधिकार के लिए भारतीय नागरिक होना आवश्यक
दुर्ग 29 अगस्त 2021/ शनिवार को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागृह में किया गया था। सूचना के अधिकार के बारे में विस्तृत जानकारी साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार के द्वारा दी गई। जिसमें उन्होंने बताया कि अधिनियम के उपबंधो के अधीन रहते हुए सभी नागरिकों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने सूचना और निजता के भेद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा अधिनियम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना व शासन और प्रशासन के कार्य में उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है। जवाबदेही लोक कल्याणकारी राज्य की कार्यप्रणाली , कार्यविधियों में पारदर्शिता का एक महत्वपूर्ण कारक है। अपर कलेक्टर श्री बी बी पंचभाई ने कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सूचना के अधिकार में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु वृहत लोकहित है। उन्होंने आगे प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को सूचना के तहत कागजात अवलोकन के लिए दिया जाए तो सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति के साथ उस स्थल पर एक जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति भी अनिवार्य है ताकि मूल दस्तावेजों के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी की गुंजाइश ना हो। कार्यशाला में सूचना के अधिकार के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई गई, जैसे जो व्यक्ति भारतीय नागरिकता की परिभाषा में नहीं आता है वह सूचना के अधिकार की पात्र नहीं होंगे। यदि कोई व्यक्ति एक विषय वस्तु से अधिक सवाल करता है तो उसके लिए आवश्यक है कि वह अलग अलग विषय वस्तु के अनुरूप सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन करे। कार्यशाला में राजस्व विभाग व जनसूचना विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।