छत्तीसगढ़

बालक और किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन ) अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2016 की धारा-12 के अंतर्गत सूचना का प्रदर्शनSexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition, Redressal) Act 2013 Display of information under section-12 of the Child and Adolescent Labor (Prohibition and Regulation) Act 1986 Amendment Act 2016

बालक और किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन ) अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2016 की धारा-12 के अंतर्गत सूचना का प्रदर्शन

कवर्धा, 17 अगस्त 2021। बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा की 3 (1) के अनुसार  14 वर्ष से कम आयु के बालकों को किसी भी तरह के उपजीविका अथवा प्रक्रिया में कार्य करने तथा कार्य पर रखे जाने कि अनुमति नही होगी तथा-3 (ए) के अनुसार किसी भी किशोर को  (14 से 18 वर्ष) अधिसूचित खतरनाक  क्षेत्र में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी। उक्त अधिनियम अंतर्गत परिसंकटमय प्रकियाएॅ (कारखाना अधिनियम) के अंतर्गत 1948 के अंतर्गत संस्थान पूर्णतः प्रतिबंधित सूचित कि गई है।
जिला श्रम पदाधिकारी श्री शोएब काजी ने बताया कि मुख्य प्रतिबंधित क्षेत्र कारखाना, होटल एवं ढाबा, रेस्टोरेंट, घरेलू कामगार, ईट-भटठा, एवं खपरेल निर्माण, ऑटो मोबाईल, वर्क्सशॉप, एवं गैरेज, भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ज्वलशील पदार्थ विस्फोटक संबंधी कार्य, फटाखों का उत्पादन संग्रहण अथवा बिक्री, बीड़ी उद्योग, तम्बाकू निर्माण, कृषि प्रक्रियाएॅ जहॉ मशानों का उपयोग हो, खाद्य प्रसंस्करण, अगरबत्ती निर्माण, विद्युत उत्पादन, उद्योग, पेट्रो -रसायन उद्योग, पत्थर खदान,  खानें एवं कोलियरी  (भूमिगत तथा जलमग्न) तथा इनसे संबंधित कार्य, इत्यादि। उन्होंने बताया कि बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा-14 के अंतर्गत धारा 3 (1) एवं 3(2) के उल्लघन की स्थिति में बालक किशोर श्रम नियोजकों को 6 माह से 2वर्ष तक कारावास अथवा रूपये 20000 से 50000 तक का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जाना प्रावधानित है। उन्होनें बताया कि बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा  ंसंशाधित अधिनियम 2016 की धारा 12 के अंतर्गत अधिनियम के अंतर्गत धारा 3 एवं धारा 14 की संक्षिप्ति को अंतर्विष्ट करने वाली  सूचना का प्रदर्शन नियोजक द्वारा संस्थान के दृष्टिगोचर स्थल पर किया जाना अनिवार्य है। उक्त सूचना का प्रदर्शन न करने वाले संस्थान के नियोजक को अधिनियम अंतर्गत एव माह तक का कारावास या रूपये 10,000 के जुर्माने अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। श्री काजी ने बताया कि अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत क्षेत्र में स्थित समस्त स्थापनायें निजी अस्पताल एवं नर्सिगहोम, टाकिज होटल एवं रेस्टोरेंट मॉल समाचार पत्र संस्थान निजी शैक्षणिक एवं कोचिंग संस्थान ट्रॉन्सपोर्ट उपक्रम निजी सुरक्षा एवं प्लेंसमेंट एजेंसी रियल स्टेट/कंस्ट्रक्शन कंपनी इत्यादि संस्थानों के मुख्य द्वार के दृष्टिगोचर स्थल पर सुदृश्य आकार में सुचना प्रदर्शन किया जाना अनिवार्य है

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