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महाकाल मंदिर में हुए हादसे के बाद भी हजारों भक्तों ने किए बाबा के दर्शन, कल से दर्शन व्यवस्था में होगा बदलाव

उज्जैन। उज्जैन बाबा महाकाल (Ujjain Baba Mahakal) के गर्भगृह में आज सुबह हुई इस आगजनी की घटना के बाद मंदिर में फिर से पूजन अर्चन और दर्शन प्रतिदिन की तरह ही शुरू हो गए। देश भर में भले ही आज पूरे दिन मंदिर में हुई आगजनी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रही हो, लेकिन इसका कोई असर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं पर नहीं पड़ा।

घटना के बाद से ही मंदिर में दर्शनार्थियों का आना लगातार जारी रहा। जिन्होंने अपने इष्ट देव के दर्शन होली के विशेष पर्व पर किए। सुबह से लेकर देर शाम तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे, जिससे मंदिर में प्रतिदिन की तरह ही जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हुई। महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि मंदिर में आज से बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाना शुरू किया गया।

उन्होंने बताया कि होली पर्व से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है, इस दिन से शरद पूर्णिमा तक भगवान ठंडे जल से स्नान करते हैं। ऋतु अनुसार निर्धारित इन छह-छह माह में प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदलता है। वर्तमान में शीत ऋतु के अनुसार भगवान की सेवा पूजा की जा रही थी। लेकिन अब अगले छह माह गर्मी के अनुसार दिनचर्या बदलेगी, जिसमें अब बाबा महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी बताया कि 26 मार्च 2024 से परम्परानुसार ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा। जिसमें प्रथम भस्मार्ती प्रात: 04:00 से 06:00 बजे तक, द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 07:00 से 07:45 बजे तक, तृतीय भोग आरती प्रात: 10:00 से 10:45 बजे तक, चतुर्थ संध्या पूजन सायं 05:00 से 05:45 बजे तक, पंचम संध्या आरती सायं 07:00 से 07:45 बजे व शयन आरती रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी। वहीं भस्मार्ती, संध्या पूजन एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय होगी।

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