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नेवई फायरिंग घटना का मुख्य आरोपी मुकुल सोना उर्फ सोनू बिहार नालंदा से गिरफ्तार, दो अन्य साथी फरार

भिलाई/ पिछले बीस दिनों से लगातार पुलिस को चुनौती दे रहा जिले का बहुचर्चित नेवई गोलीकांड का मास्टर माइंड मुकुल सोना उर्फ सोनू को बिहार के नालंदाजिला के परबलपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि इसके दो साथी मुकेश सिंह उर्फ पंचर निवासी इलाहाबाद, नागेन्द्र कुमार निवासी नालंदा बिहार अभी भी फरार है। आरोपी से वारदात में इस्तेमाल किया गया कट्टा,कार,बाइक,दो मोबाइल को जब्त किया है। पुलिस लगातार आरोपी को पकडऩे के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, टिटलागढ़(ओडि़शा) धमतरी,कुरुद, केशकाल,कांकेर,नागपुर, अहिवारा और दिल्ली में दबिश दे रही थी। आरोपी अपने साथियों को झूठ बोल गुमराह करते थे, बिहार में रहने पर भी ओडि़सा में रहना अपने आपको बता रहे थे। आरोपी मुकुल पहले अपहरण के मामले में जेल जा चुका है।

आरोपियों के खोजबीन के लिए शहर के 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। फिर पता चला कि वारदात को अंजाम देने के लिए मारुती 800 कार का इस्तेमाल किया गया है। कार के मालिक की जानकारी के साथ कट्टा कहां से मिला इसकी जानकारी जुटाई गई। जिसके बाद तीन आरोपियों की पहचान की गई। नेवई क्षेत्र के बदमाश मुकुल सोना उर्फ सोनू और उसके दो साथी मुकेश सिंह उर्फ पंचर निवासी इलाहाबाद, नागेन्द्र कुमार निवासी नालंदा बिहार के रुप में की गई।
यह था पूरा मामला

दरअसल, सारा मामला शुरू हुआ नेवई थाने के हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर 5 जुलाई की रात हुई फायरिंग से। रिसाली के मरौंदा टैंक के पास रात करीब 12 बजे 3 लोगों ने बृजेश राय की कार पर फायरिंग की। गोलियां कार पर लगी और बृजेश बच गया। पुलिस ने इसे पहले कार का विवाद बताया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में मुकुल सोना के दिखने के बाद जांच का रुख बदल गया। पुलिस इससे पहले की आरोपियों तक पहुंच पाती, 10 जुलाई की रात नेवई भाठा में फिर गोलियां चल गईं थी।
ज्ञातव्य हो कि संपूर्ण मामले का घटनाक्रम विवरण इस प्रकार है कि 05 जुलाई 2021 रात्रि 12:30 बजे मामले के प्रार्थी बृजेश राय उर्फ पिंकी राय पर 03 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा थाना नेवई क्षेत्र के टंकी मरोदा बस्ती में फायरिंग की घटना पर से थाना नेवई में अपराध क्रं. 212/21 धारा 307 भादवि 25, 27 आम्र्स एक्ट कायम किया गया। नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक दुर्ग द्वारा पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेन्ज, विवेकानंद सिन्हा को घटना से अवगत कराते हुये अग्रिम कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त किया गया। घटना स्थल पर पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित आला पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। तत्काल शहर में नाकाबंदी की कार्यवाही का निर्देश उनके द्वारा दिया जाकर उनके द्वारा एक विशेष टीम सीएसपी भिलाई नगर के नेतृत्व में 04 निरीक्षक, 25 अधिकारी/कर्मचारी को शामिल कर किया गया। घटना में प्रयुक्त कार एवं आरोपियों के संबंध में पतासाजी हेतु शहर के 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरा का फुटेज प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। इसके पश्चात घटना में प्रयुक्त लाल रंग की संदिग्ध मारूती 800 कार की तलाशी में टीम लगाया गया। जिसके तहत टोल नाके, आई टी एम एस कैमरे, शहर में 800 कार के मालिको की जानकारी। मैकेनिक की जानकारी, पार्टस विक्रेताओ की जानकारी इक्कठी की गई एवं जिले के तमाम निगरानी बदमाशो, सजायाबता अपराधियो की लिस्टींग कर उनको थाना बुलाकर कड़ाई से पुछताछ किया गया। शहर में अवैध देशी कटटा, पिस्टल के मामलो में पूर्व के आरोपियों एवं उनके सहयोगियों की जानकारी लिया गया। पुछताछ कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही भी उनके खिलाफ किया गया।

इसी दौरान आरोपियों द्वारा सोशल मिडिया, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए एवं प्रार्थी को जान से मारने की धमकी दी गई एवं इसके माध्यम से पुलिस के इन्वेस्टीगेशन को गुमराह करने का भी प्रयास किया गया जिसे सायबर सेल के द्वारा सोशल मिडिया क्रैक कर उनकी योजना को विफल कर दिया गया। सायबर सेल द्वारा लगातार तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा था एवं विश्लेषण के आधार पर लगातार संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी।
प्रकरण के आरोपी पुलिस की लगातार दबिश व घेराबंदी की कार्यवाही से एवं लोकल नेटवर्क टूटने से दुर्ग भिलाई क्षेत्र को स्वयं के लिए सुरक्षित ईलाका नहीं होने से राज्य से बाहर भागने की योजना बनाकर फरार हो गये। आरोपी मिडिया के माध्यम से दुर्ग पुलिस की सम्पूर्ण कार्यवाही एवं गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी इसके अलावा युट्यूब क्राईम पेट्रोल जैसे माध्यमों से अपन आप को अपडेट करने की कोशिश की जा रही थी जिसके कारण पुलिस के द्वारा संभावित ठिकाने पर दबिश दिये जाने के पहले ही आरोपियों के द्वारा एक स्थान पर अधिक देर नहीं रूकने की अपनी योजना को अमल मे लाते हुये अन्यत्र स्थान की ओर निकल जा रहे थे। जिसके फलस्वरूप दिल्ली में पुलिस को अपनी कार्यवाही में खाली हाथ होना पड़ा, आरोपियों का पीछा करते हुए उत्तरप्रदेश के कुछ स्थानों में भी दबिश की कार्यवाही की गई पुलिस को भी यहॉ सफलता नहीं मिली। इसी क्रम में एक आसूचना प्राप्त हुई कि आरोपी मुकुल सोना एवं नागेन्द्र कुमार उत्तरप्रदेश के चंदोली से नागेन्द्र के निवास स्थान परबलपुर जिला नालांदा बिहार को सुरक्षित मानकर शरण लेने के लिए निकल गये है। तकनीकी विश्लेषण एवं मुखबिर सूचना की पुष्टि होने पर पुलिस अधीक्षक  प्रशांत अग्रवाल द्वारा नालांदा जिले के पुलिस अधीक्षक हरि प्रसाद से संपर्क कर दुर्ग पुलिस को मदद की आग्रह किये जाने पर उनके द्वारा तत्काल आवश्यक सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध कराया गया। इसके पश्चात दुर्ग पुलिस एवं नालांदा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा आरोपी नागेन्द्र के निवास स्थान पर घेराबंदी कर दबिश की कार्यवाही की गई। मौके पर आरोपी मुकुल सोना पकड़ाया।  पुछताछ पर मुकुल सोना द्वारा अन्य आरोपी नागेन्द्र के संबंध में बताया कि दबिश के पूर्व ही कही अन्यत्र चला गया था। पुलिस टीम द्वारा नागेन्द्र की पता तलाश की जा रही है। मुख्य आरोपी मुकुल सोना के बयान मेमोरण्डम पर से घटना में प्रयुक्त दो नग मोबाईल, वाई-फाई राउटर, देशी कट्टा, राउण्ड, मारूति कार 800, मोटर सायकल पल्सर 200-त्ै विधिवत जप्ती की गई है। आरोपी मुकुल सोना को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया जाता है।

सम्पूर्ण मामले में रायपुर पुलिस की भूमिका एवं सहयोग सराहनीय रही।
प्रकरण के मुख्य आरोपी मुकुल सोना एवं प्रकरण से संबंधित साथीदारान सूरज पाल, अशोक जांगडे, मंगल सिंह, प्रखर चद्रांकर, पुलकित चंद्राकर, गोपेन्द्र बाग, संजय जोशी, अमित जोश, लक्की जॉर्ज के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
इतने पुलिस वाले लगे थे इनको गिरफ्तार करने में

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर संजय ध्रुव की अगुवाई में अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनंत कुमार, विवेक शुक्ला, आकाशराव गिरपूजे, नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर राकेश जोशी, नगर पुलिस अधीक्षक छावनी विश्वास चन्द्राकर, के मार्गदर्शन में निरीक्षक विशाल सोन, सुरेश ध्रुव, संतोष मिश्रा, मोनिका पाण्डेय, विनय सिंह, बृजेश कुशवाहा, उनि नारंगे, सउनि अजय सिंह, चंद्रशेखर सोनी, आर. पन्ने लाल, संतोष गुप्ता, शमीम, पंकज, अमित दुबे, भावेश पटेल, अजीत यादव, रवि बिसाई, आकाश तिवारी, अजय देवांगन, अखिलेश मिश्रा, धर्मराज सिंह, जावेद खान, फारूख , प्रदीप सिंह, तिलेश्वर राठौर, खुर्रम बक्श, चंदन भास्कर, गुरजीत सिंह ओर
सायबर टीम :के  निरीक्षक नरेश पटेल, निरीक्षक गौरव तिवारी, सउनि शमित मिश्रा, प्र.आर. चन्द्रशेखर बंजीर, प्र.आर. संतोष मिश्रा, आर. विक्रान्त यदु, निखिल साहू, विजय शुक्ला, सुरेश चौबे, जावेद खान, अभय नारायण, दिनेश विश्वकर्मा, आरती सिंह  तथा

दिल्ली/बिहार टीम: निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा, सउनि पूर्ण बहादुर, सउनि राजेश पाण्डेय, प्र.आर. अशोक साहू, आर. शहबाज खान, जुगनु सिंह, अनुप शर्मा, सूरज पाण्डेय, उपेन्द्र यादव
बिहार पुलिस:- एसडीओपी कृष्णामुरारी प्रसाद, उनि कुणाल सिंह, उनि शशि रंजन, थाना प्रभारी परबलपुर रायपुर पुलिस टीम प्र.आर. जमील खान, संतोष सिंह  की विशेष एवं सराहनीय भूमिका रही।

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