मकानों का मलबा यहां-वहां फेंका तो 5000 रुपए जुर्माना If the debris of the houses is thrown here and there then a fine of Rs 5000
इंदौर. देश के सबसे स्वच्छ शहर मध्य प्रदेश के इंदौर में निर्माण से जुड़ा मलबा यहां-वहां फेंकना अब लोगों को महंगा पड़ने वाला है. इंदौर नगर निगम के ताजा आदेश के मुताबिक शहर की खूबसूरती पर दाग लगाने वाले लोगों को अब बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों से नगर निगम ऑन द स्पॉट 5000 रुपए का जुर्माना वसूलेगा. इंदौर नगर निगम (IMC) के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि आईएमसी प्रशासन ने अपने भवन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नए निर्माण और पुराने निर्माण ढहाए जाने के दौरान निकलने वाले मलबे को फेंकने वालों पर नजर रखे. अगर कोई व्यक्ति खुले मैदानों या अन्य स्थानों पर मकानों का मलबा अनाधिकृत रूप से फेंकता पाया जाता है, तो उससे न्यूनतम 5000 रुपए का जुर्माना मौके पर ही वसूला जाए.
उन्होंने बताया कि स्थानीय नागरिक निर्माण से जुड़े मलबे के निपटारे के लिए ’इंदौर 311’ मोबाइल ऐप के माध्यम से आईएमसी प्रशासन को सूचना दे सकते हैं. निर्धारित शुल्क चुकाकर कर मलबा उठवाया जा सकता है. इस बीच, केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के लिए आईएमसी के सलाहकार असद वारसी ने बताया कि शहर में निर्माण मलबे के प्रसंस्करण से ईंटें, मेनहोल के ढक्कन, इंटरलॉकिंग टाइल्स और अन्य सामग्री बनाई जा रही है.
वारसी ने बताया, ’ये सामग्री उस संयंत्र में बनाई जा रही है जो हर रोज 100 टन निर्माण मलबे का प्रसंस्करण कर सकता है. शहर में निर्माण गतिविधियों में तेजी आने के मद्देनजर इस संयंत्र की क्षमता पांच गुना बढ़ाकर 500 टन प्रतिदिन की जा रही है.’ उनके अनुमान के मुताबिक शहर में औसतन 300 टन निर्माण मलबा हर रोज निकलता है. लोग निगम प्रशासन की नजरें बचाकर खुले स्थान या सार्वजनिक जगहों पर मकानों का मलबा फेंक देते हैं. इससे शहर की खूबसूरती खराब होती है, साथ ही प्रदूषण भी फैलता है. ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ही इंदौर नगर निगम ने जुर्माना लगाने की स्कीम बनाई है.