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गौमाता व शहर की अव्यवस्था के लिए नगर निगम का घेराव

दुर्ग – हिन्दू शक्ति सेवा संगठन के द्वरा गौमाता व शहर की अव्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया ।
संगठन के द्वरा पहले नगर निगम दुर्ग का घेराव व धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन मौके से दुर्ग शहर के महापौर धीरज बाकलीवाल व निगम आयुक्त हरेश मंडावी नगर निगम से नदारत मिले ।

 


निगम में कोई जवाबदार प्रसाशनिक व्यक्ति ना होने की वजह संगठन के लोगो द्वरा निगम से नारेबाजी करते हुवे निकल कर कलेक्ट्रेट जा कर के मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमे शहर में गौमाता का अपमान व शहर में अव्यवस्थाओ के बारे में जानकारी देते हुवे निगम के ऊपर कार्यवाही करने की बात कही गई।
संगठन के संस्थापक तामेश तिवारी ने मीडिया से बात करते हुवे बताया की गौमाता की अव्यवस्था , गौठान व्यवस्था और दुर्ग शहर में अनेको प्रकार की अव्यवस्था के लिये निगम में कई बार लिखित में दिया गया है ।


दुर्ग शहर में गौमाता जगह जगह रोड में बैठे मिलेंगे जिनके वजह से ट्रेफिक व्यवस्था के साथ साथ आये दिन दुर्घटना में लोगो की जान जाती रहती है । टीचिंग ग्राउंड खुले में होने से गौमाता वहाँ जा कर प्लस्टिक खाते हुवे मिलेंते और प्लस्टिक पेट मे जमा होकर गौमाता की जान ले लेती है । दुर्ग शहर में वेटनरी हॉस्पिटल कही नजर नही आता गौमाता के लिये हॉस्पिटल व एम्बुलेंस की मांग अनेक वर्षो होते आ रहा है।
तिवारी बताते है कि दुर्ग में सफाई व्यवस्था इतनी खराब है कि नालियों से बदबू आते रहता , पीने योग्य पानी भी लोगो को साफ नही मिल पाता । सब्जी मार्केटों की व्यवस्था इतना खराब है कि गंदगी व बदबू भरपूर रहता है बिना मुँह ढके सब्जी भी नही खरीद सकते यहाँ के बाजारों में इतनी बदबू रहती है इन्ही सब विषयों को लेकर पुनः आज नगर निगम का घेराव किया गया जिसमें मौके पर से महापौर व निगम आयुक्त दोनों निगम से गायब मिले उनके यंहा उपस्थित न होने की वजह से कलेक्ट्रेट जा कर मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंप कर जल्द कार्यवाही की मांग की गई ।। तिवारी बताते है मुख्यमंत्री की परियोजना नरवा , गरवा , घुरवा , बारी की योजना व गौठान व्यवस्था दुर्ग में सिर्फ कागजों पर ही मिलती है यहां जमीनी स्तर पर कोई काम नही होता ।
वही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश्वर मानिकपुरी ने निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के नदारद होने से नाराजगी व्यक्त करते हुवे कहा कि जन समस्याओं को सुनने व उन्हें खत्म करने के बजाय मौके और हालात से भागना जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का शोभा नही देता ।
निगम को चाहिए कि वो समस्याओं को खत्म करे ना कि मौके से नदारद हो जाये।
अगर निगम का रवैया इसी तरह रहा तो जल्द फिर एक उग्र आंदोलन करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
मानिकपुरी ने कहा कि जिस दिन जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक आदमी अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन करे तो आधी से ज्यादा समस्या खत्म हो जाएगी , राज्य सरकार को चाहिए कि इन सब की निगरानी कर के नरवा , गरवा , घुरवा ,बारी व गौठान व्यवस्था को जमीनी स्तर पर लागू करने की पहल की जाए क्यों कि दुर्ग शहर में योजना सिर्फ कागजों में ही पूरी हो रही है , इस आम जनता पूरी तरह से त्रस्त है।
इस कार्य मे डॉ गणेश पाण्डे , ज्योति शर्मा , डाली साहू , ज्योति चौबे , पारसमणि चंदेल , केसरी देवांगन , चांदनी साहू , गीतांजली कोसीक , शिवा राव , गेंदलाल जोशी , हरिशंकर राव , मनीष साहू , दुर्गेश वर्मा , संबोध पांडेय , सिमा गुप्ता , शेल किरण शुक्ला , मंजू पांडेय , राजकुमार तिवारी , मलकीत सिंग , विशाल सुरजाल , अनुराग यादव , मंगल सिंग आदि शामिल थे।।

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