योगदान के फलस्वरुप आज जिला कोण्डागांव को शिल्पनगर कहा जाता है
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जिले के शिल्पियों से रुबरु हुई महामहिम राज्यपाल
भावीपीढ़ी को शिल्प ज्ञान देने के साथ-साथ शिक्षा का महत्व भी समझाये - राज्यपाल
शिल्पियों ने भी अपनी मांगो से कराया अवगत
कोंडागांव ।
‘‘जिले के शिल्पियों ने पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के परम्परागत शिल्प के संरक्षण एवं संवर्धन का जो कार्य किया है। इन्हीें के योगदान के फलस्वरुप आज जिला कोण्डागांव को शिल्पनगर कहा जाता है। इन शिल्प कलाकृतियों में जिले के सांस्कृतिक धरोहर की झलक मिलती है जिसे यहां के राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त शिल्पकारों ने बखुबी दर्शाया है। उन्होंने कहा कि बेलमेटल निर्माण के कार्य को उन्होंने शुरु से अंत तक देखा और जिस तरह 25 सेंटिग्रेड तापमान में कारीगरो द्वारा इसका निर्माण किया जाता है इसे देखकर वे बेहद प्रभावित है, इसके साथ ही उन्होंने भावीपीढ़ी के मध्य शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुत्र हो या पुत्री दोनो को समान रुप से महत्व देते हुए शिक्षित करे। यह सही है कि शिल्पकार अपनी पैतृक व्यवसाय जारी रखे परन्तु इसके साथ ही वे शिक्षा के महत्व को भी नजरअदांज न करे क्योंकि एक अच्छी शिक्षा से ही भावीपीढ़ी इस ख्याति प्राप्त कला को एक नई ऊंचाईयाँ दे सकती है।‘‘
दिनांक 04 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल स्थानीय नवीन विश्राम गृह के परिसर में जिले के शिल्पकारो से रुबरु हुई। इस मौके पर उन्होंने उक्ताशय के विचार प्रगट किए। इसके पूर्व जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने माननीया राज्यपाल महोदया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने बारीकी से शिल्प निर्माण की समग्र प्रक्रिया का अवलोकन किया। यह स्थानीय शिल्पकारों के लिए प्रोत्साहन स्वरुप है और राज्यपाल के इस प्रवास से उन्हें उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। जिले में लगभग दस हजार जनसंख्या विभिन्न शिल्पकारी व्यवसायों से जुड़ा हुआ है और माननीया राज्यपाल का उनके बीच होना सभी के लिए गौरव का क्षण है। कार्यक्रम के अंत में शिल्पकारो ने भी अपनी विभिन्न मांगो से माननीया राज्यपाल को अवगत कराया जिसमें राज्य शासन द्वारा शिल्प कला के व्यापक संरक्षण-संवर्धन के लिए सकारात्मक प्रयास एवं जीएसटी के दायरे से शिल्प राॅमटेरियल को बाहर रखने की मांग की गई। इस पर राज्यपाल महोदया द्वारा उचित आश्वासन दिया गया।
इस अवसर पर बस्तर संभाग के कमिश्नर धनंजय देवांगन, पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम, पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुजूर, एसडीएम टेकचंद अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर सुश्री आस्था राजपूत, खेमलाल वर्मा, कार्यपालन अभियंता देवेन्द्र नेताम, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा, प्रबंधक हस्तशिल्प विकास बोर्ड सहित जिले के शिल्पकार उपस्थित थे।
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