
कवर्धा: छत्तीसगढ़ लोक सेवा द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर वनस्पति शास्त्र (बॉटनी) की परीक्षा में मोतीराम साहू ने सातवां रैंक हासिल किया है। वे कबीरधाम जिले के एक छोटे से ग्राम भटैलाटोला का रहने वाला है और उनके पिता सम्मन लाल साहू एक छोटे से किसान है, उन्होंने अपना एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में किया। इसके अलावा वे सीएसआईआर नेट-जेआरएफ, डीबीटी-जेआरएफ और आईसीएआर-नेट जैसे राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा पास कर चुके है और वर्तमान में साइंस कालेज दुर्ग से सिकल सेल एनीमिया (सिकलिंग) में पीएचडी (रिसर्च) कर रहे है। उनका कहना है की उन्होंने पीएचडी का विषय सिकल सेल एनीमिया इसलिए चुना क्योकि छत्तीसगढ़ में सिकल सेल एनीमिया अधिकांशता: स्थानीय कम्युनिटी में मिलता है, और वे जिस कम्युनिटी (साहू) से है उसमे तो और व्यापक इसका मुख्य कारण है कम्युनिटी के अंदर ही या रिश्तेदारों के बीच शादी करना, सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी और वर्तमान में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के अलावा इसका और कोई इलाज नहीं है, जो की बहुत महंगा और सक्सेस रेट भी कम है। वे अपने शोध के माध्यम से समाज में सिकल सेल एनीमिया के प्रति जागरूकता लाना चाहते है।