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समाजवादी जनता पार्टी चंद्रशेखर ने किया फेरो स्क्रेप निगम के निजीकरण का विरोध, Samajwadi Janata Party Chandrashekhar opposed the privatization of Ferro Scrap Corporation

भिलाई। समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर) और आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की मिनीरत्न कंपनी मेटल स्क्रैप ट्रेड कारपोरेशन लिमिटेड की पूर्ण स्वमित्व वाली इकाई फैरो स्क्रैप निगम के निजीकरण का विरोध किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और समिति के अध्यक्ष आरपी शर्मा ने इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा एफएसएनएल के निजीकरण का विरोध किए जाने का स्वागत किया है।
शर्मा ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री व इस्पात मंत्री को पत्र भी लिखा है। शर्मा ने कहा कि वह दशक भर से एफएसएनएल के निजीकरण की कोशिशों का विरोध करते आ रहे हैं और जनदबाव के चलते सरकार इसके निजीकरण को टाल रही थी लेकिन मौजूदा सरकार जिस ताबड़-तोड़ ढंग से सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है, उसे देखते हुए सभी की चिंता जायज है।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने सबसे पहले स्क्रैप माफिया के खिलाफ आवाज उठाई थी। जिसके चलते फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड जैसे संस्थान भी प्रभावित हो रहे थे। शर्मा ने कहा कि स्क्रैप माफिया के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से ही उनके जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान को अवैध घोषित कर बीएसपी प्रबंधन ने मानहानि का मुकद्दमा किया था, जिसमें बाद में जाकर माननीय न्यायालय को मानहानि की रकम 75 प्रतिशत तक कम करनी पड़ी। शर्मा ने कहा कि एफएसएनएल को बरबाद करने में कुछ स्थानीय यूनियन के कथित नेता और स्क्रैप माफिया का गठजोड़ सबसे ज्यादा सक्रिय रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर एफएसएनएल का निजीकरण हुआ तो यहां फिर से स्क्रैप माफियाओं का दखल बढ़ेगा, वहीं कानून व्यवस्था भी बिगड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस सार्वजनिक उपक्रम के निजीकरण का हर स्तर पर विरोध होना चाहिए। शर्मा ने कहा कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड एक मुनाफा कमाने वाली कंपनी है, जो सीमित मैनपावर और आउटसोर्सिंग कांट्रैक्ट के जरिए इस्पात संयंत्रों में प्रोसेस के दौरान उत्पन्न होने वाले स्क्रैप को प्रोसेस कर बेचने का कार्य करती है।
वर्ष 2020-21 में इस कंपनी ने 32 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ कमाया था। वही इसका शुद्ध लाभ 23 करोड़ रुपए था। इसके बावजूद सरकार द्वारा इसके निजीकरण की तैयारी से जनरोष बढ़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

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