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निर्माता निर्देशक और दर्शको का पसंदीदा बने सहायक निर्देशक रवि तिवारी

जी हम बात कर रहे है भोजपुरी फिल्म जगत के जाने माने सहायक निर्देशक रवि तिवारी के बाड़े में इन्होंने अपनी कैरियर की शुरुवात भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से है कि इनका एक सपना और ड्रीम था कि में भोजपुरी इंडस्ट्री में काम करू और भोजपुरी इंडस्ट्री को कुछ अलग और अच्छा दे सकु इनका नाम रवि तिवारी है इनका जन्म भूमि नारायणी नदी के किनारे बसा एक प्यारा गांव बरवापट्टी है जहां बच्चे से लेकर बूढ़े तक रवि तिवारी को बहुत प्यार करते हैं इनके पिताजी का नाम श्री विनोद तिवारी है जो एक बहुत ही अच्छे कलाकार है और पूर्वांचल के पहले कलाकार है जो मुंबई गए और कई फिल्मों में मुख्य खलनायक की भूमिका निभाएं जैसे” सजनवा बैरी भइले हमार” “हमके माफी दे द” और भी फिल्मों में काम किए इसके बाद उनका स्वास्थ साथ नहीं दिया एक टाइम पर उनको ब्रेन ट्यूमर हो गया और लखनऊ pgi हॉस्पिटल में तीन महीना एडमिट रहे और महादेव जी के आशीर्वाद से  बच गए! और घर आ गए लेकिन उनके अंदर कहीं ना कहीं अभी भी अभिनय करने का मन था लेकिन स्वास्थ ठीक न होने के कारण रवि तिवारी  उनको मना करते रहा फिर एक दिन एहसास हुआ कि पापा के अधूरे सपने को रवि को पूरा करना चाहिए फिर क्या था अपने गांव से रवि तिवारी ने महादेव जी और मम्मी पापा का आशीर्वाद लेकर मुंबई आ गया और महादेव जी के आशीर्वाद से थोड़े दिनों की संघर्ष के बाद इनको पहली बार संजय श्रीवास्तव जी के निर्देशन में काम करने का मौका मिला वह रवि तिवारी को हमेशा एक छोटे भाई के तरह माने है और सपोर्ट किए हैं आज रवि तिवारी जो कुछ भी हूं उसमें बहुत लोगों का आशीर्वाद और प्यार है जैसे निर्देशक अशोक अत्री जी जो रवि तिवारी को हमेशा एक भतीजे की तरह प्यार दिया और इनके अलावा निर्देशक परवीन गुडरी जी, सुजीत सिंह जी, देवेंद्र तिवारी जी, अजय झा जी, राकेश सिंहा जी, अरुण राज जी, बबलू गद्दी जी, महमूद आलम जी, रितेश ठाकुर जी, संजीव श्रीवास्तव जी, अतुल मिश्रा जी, प्रदीप शर्मा जी श्याम चरण यादव जी ,राम पटेल जी, राणा जयसवाल जी आदि लोगों ने इन्हें अपने निर्देशन में काम सीखने का मौका दिया इनके लिए मेरे दिल में हमेशा प्यार और इज्जत रहता हैं इसके अलावा इन्हें बड़े भाई के रूप में पवन सिंह जी ,अखिलेश राय जी, लोकेश मिश्रा जी, चंदन कश्यप जी ,शुभम तिवारी जी, वीरु ठाकुर जी ,रोनक मिश्रा जी, गुल मोहम्मद जी, राजाराम खरवार जी,बिट्टू वर्मा जी, विजय यादव जी, किशोर यादव जी, प्रवीन शास्त्री जी ,मनीष तिवारी जी, आनंद गिरि, प्रिंस ,राहुल ,रितेश, नवनीत ,आदित्य ,प्रिंस भाई, सूर्या भाई ,मनोज शर्मा आदि लोगों ने हमेशा मेरा साथ दिया हिम्मत बढ़ाया और मेरा दिल से सपोर्ट किया और मैं भी इन लोगों को हमेशा दिल से अपना मानता हूं अभी मेरी फ़िलहाल मुख्य सह निदेशक और अपने में आने वाली फिल्म रवि किशन जी की ओम जय जगदीश, बडे मियां छोटे मियां, गौरव झा जी की फिल्म लड़ाई रोहित यादव की फिल्म प्रेम लगन शुभम तिवारी जी फिल्म कल्लू जी की फिल्म मलंग जय यादव जी की फिल्म मेरे रंग में रंगने वाले और साथ छूटे ना साथिया प्रवेश लाल जी की फिल्म प्रीतम प्यारे आदि है मैं लास्ट में सिर्फ यही बताना चाहता हूं की अपनी मातृभाषा भोजपुरी में काम करने का मेरा उद्देश्य अपने पिता के सपनों को साकार करना अपने लोगों का प्यार पाना और अपनी मातृभाषा भोजपुरी को आगे बढ़ते हुए देखना है बाकी मेरे महादेव वह सब संभाल लेंगे! हर हर महादेव

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