फोरलेन सडक़ के सौंदर्य को निखारने की कवायद शुरू
कांक्रीट की डिवाइडर पर नजर आएगी हरियाली और फुलवारी
भिलाई। फोरलेन सडक़ का सौंदर्य आने वाले दिनों में निखरकर दर्शनीय हो जाएगा। इस सडक़ के कांक्रीट से बने डिवाइडर पर राहगीरों को हरियाली और फुलवारी सफर के दौरान सुखद अहसास कराएगी। इसके लिए नवनिर्मित डिवाइडर के बीच की खाली जगह पर मिट्टी भरने का काम शुरु हो गया है। बारिश शुरू होते ही पौधे रोपण किया जाएगा।
रायपुर को दुर्ग से जोडऩे वाली फोरलेन सडक़ के डिवाइडर पर आने वाले दिनों में रंग बिरंगे फूल और हरियाली बिखेरकर आंखो को सुकून देने वाले छोटे कद के पौधे नजर आने लगेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कुम्हारी की दिशा से निर्माण हो चुके डिवाइडर के खाली जगह को मिट्टी से भरा जा रहा है। इसी जगह पर बारिश की दस्तक के साथ पौधरोपण होगा।
गौरतलब रहे कि फोरलेन सडक़ निर्माण के समय डिवाइडर की उंचाई काफी कम रखी गई थी। इस वजह से मवेशी के साथ ही नागरिकों के द्वारा भी सडक़ को कहीं पर से भी पार करने के चक्कर में दुर्घटना की संभावना बनी रहती थी। लिहाजा दुर्घटना की संभावना में कमी लाने दो साल पहले डिवाइडर पर लोहे की रेलिंग लगाने का निर्णय लिया गया। लगभग दो करोड़ की लागत से पावर हाउस चौक, नेहरूनगर चौक के बीच 4.40 किमी दायरे में रेलिंग लगाने का काम किया भी गया। लेकिन लोगों के द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार जगह-जगह पर रेलिंग तोडक़र रास्ता बना लिए जाने से दुर्घटना की संभावना बजाए कम होने के और ज्यादा बढ़ गई थी। लिहाजा राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने रेलिंग लगाने के निर्णय को रोक दिया और फिर एक मीटर उंची तथा डेढ़ मीटर चौड़ाई में कांक्रीट की डिवाइडर बनाने के निर्णय को साकार किया जा रहा है। अभी कुम्हारी से सुपेला तक कांक्रीट वाली डिवाइडर का निर्माण पूरा हो चुका है। इस डिवाइडर के बीच जो खाली जगह है उसमें मिट्टी डाला जा रहा है। मिट्टी डल जाने के बाद पौधे रोपे जाएंगे। इसमें मौसमी फूलों के साथ ही छोटे कद के हरियाली बिखेरने वाले पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि पूर्व में डिवाइडर के बीच में कुछ कुछ अंतराल में गमले का स्वरुप प्रदान करने के बाद डीएस वायकान कनेर तथा उससे मिलती झुती प्रजाति के पौधों का रोपण किया था। इस तरह के पौधे पांच से छह फीट की उंचाई में बढऩे के बाद वाहन चालकों के लिए दिक्कत पैदा करते थे। इस बार राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग पुरानी दिक्कत से सबक लेकर नये डिवाइडर के बीच हरियाली के साथ पुलवारी विकसित करने का निर्णय लिया है।
निकले रेलिंग का यहां होगा इस्तेमाल
दो साल पहले पावर हाउस चौक सेनेहरू नगर के बीच डिवाइडर पर रेलिंग लगाई गई थी। कांक्रीट वाली डिवाइडर बन जाने के बाद रेलिंग को निकाल दिया जाएगा। इस निकले रेलिंग को चरोदा के समीप जंजगिरी मोड़ तथा चंदनडीह से टाटीबंध के बीच डिवाइडर में लगाय जाने की तैयारी है। कांक्रीट ाली डिवाइडर बनाने के काम जुलाई के पहले सप्ताह में पूरा कर लिया जाना है। इसकेबाद पावर हाउस से नेहरू नगर के बीच लगी रेलिंग को निकाला जाएगा जहां-जहां पर फ्लाई ओव्हर बनना है उसके दायरे में आने वाले डिवाइडर की जगह से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा रहा है।