बच्चों की इम्यूनिटी पर विशेष फोकस, विशेष शिविर लगाना आरंभ`
– कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए कलेक्टर के निर्देश पर किये जा रहे सघन उपाय
– एक महीने के भीतर सभी बच्चों की हो जाएगी स्वास्थ्य जाँच, स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल अमला तेजी से कर रहा काम
दुर्ग / कोरोना की तीसरी लहर की आशंका यदि बनती है और बच्चे इससे संक्रमित होते हैं तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता तैयारियाँ की जा रही हैं। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर इससे जुड़े टास्क फोर्स के अधिकारी इस पर गहन कार्ययोजना पर कार्य कर रहे हैं। इसके अंतर्गत बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाओं को मजबूत करना तो शामिल है ही, यह कोशिश की जा रही है कि ऐसी स्थिति ही न बने कि कोरोना संक्रमण से बच्चे गंभीर रूप से संक्रमित हों। इसके लिए बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में विशेष काम किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट के माध्यम से परिजनों को इसके लिए पोषक आहार के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वृहत स्तर पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने इस संदर्भ में कुपोषित व बार-बार बीमार पड़ने वाले बच्चों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आपस में समन्वय स्थापित करने के लिए कहा है। इसके परिपालन में आज महिला बाल विकास विभाग परियोजना के अंतर्गत पाटन के ऐसे 23 बच्चों की स्वास्थ्य जांच, बाल संदर्भ शिविर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गाड़ाडीह में करवाई गई। उक्त जांच शिविर में डॉ. कटारे एवं डॉ. दीपक ठाकुर का सहयोग प्राप्त हुआ। शिविर आयोजन में पर्यवेक्षक सुश्री नम्रता तिवारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उपस्थित रही। बच्चों को मल्टीविटामिन, दवाइयां, प्रोटीन पाउडर आदि जांच उपरांत महिला बाल विकास विभाग द्वारा तत्काल उपलब्ध कराई गई। खण्ड चिकित्सा अधिकारी श्री आशीष शर्मा से चर्चा कर ,दवाइयां पूर्व से ही शिविर स्थल में उपलब्ध करा दी थी। विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि एक माह के भीतर ऐसे सभी बच्चों की स्वास्थ्य जांच करवा ली जाए तथा उनके पालकों को आवश्यक समझाइश दी जा सके, जिससे कि आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हम सक्षम हो। इसी तरह का स्वास्थ्य शिविर शनिवार को सेलूद में सोमवार को ग्राम तेलीगुन्डरा में रखा गया है। परियोजना अधिकारी श्री सुमीत गंडेचा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश उपरांत सामाजिक दूरी एवं कोविड नियमों का पालन करते हुए एक समय में हम 20 से 25 बच्चो की जांच करवा रहे है।
वर्तमान में क्योंकि बच्चों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन ट्रायल स्टेज में है, इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जाए। इसके लिए उनके पोषण और अन्य वैक्सीनेशन प्रोग्राम को सुचारू रूप से संचालित किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने नीचे अमले से जानकारी इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं।स्वास्थ्य विभाग को रुग्ण और सिकल सेल जैसे बीमारियों से ग्रसित बच्चों की लिस्ट बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। ऐसे बच्चे जिनके पालको ने कोविड-19 की वैक्सीन ले ली है और जिन्होनें नहीं ली है, दोनों की अलग-अलग सूची तैयार करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को स्क्रीनिंग एवं सैंपलिंग पर विशेष जोर देने के लिए कहा गया है।
किशोरी बालिका योजना एवं चिरायु योजना को ज्यादा से ज्यादा बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों में पोषण का स्तर सुधारा जा सके। कलेक्टर ने बच्चों के पोषण के लिए संयुक्त सर्वे कर चेक लिस्ट बनाने के निर्देश भी दिए हैं।