छत्तीसगढ़

बिजली संविदा कमर्चारियों ने पूरे प्रदेश में की 1 दिन काम बंद कर जताया विरोध

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छत्तीसगढ़ 17 जून बेमेतरा :- छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने बुधवार को एक दिवसीय प्रदेशव्यापी सांकेतिक काम बंद किया। साथ ही कर्मचारियों पर हो रहे शोषण का विरोध भी किया। काम बंद इसलिए किया गया ताकि कंपनी को संविदा कर्मचारियों की उपयोगिता का अहसास हो। इस दौरान चेतावनी भी दी गई कि यदि नियमितीकरण का प्रारूप प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया तो संविदा कर्मी हमेशा के लिए काम बंद कर देंगे।

 

संविदा कर्मचारियों को दरकिनार किया जा रहा है। कर्मचारियों को 8,060 रुपये के मासिक वेतन में 24 घंटे कार्य लिया जाता है। कंपनी द्वारा खुद भर्ती लिया गया है। संविदा के रूप में रखकर कार्य कराया जा रहा है। इतना ही नहीं, उन्हें घर से 200 से 300 किमी दूर कार्यक्षेत्र दिया गया है। इस दौरान उन्हें किसी तरह एलाउंस भी नहीं दिया जाता। होली, दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार तक में छुट्टी नहीं दी जाती।

 

कर्मचारियों का कहना है कि यदि हक के लिए कोई आवाज उठाता है तो उन्हें अल्टीमेटम दे दिया जाता है। प्रतिवर्ष पावर कंपनी में पारेषण एवं वितरण कंपनी के विद्युत लाइन का लगातार विस्तार किया जा रहा है जिसमें रखरखाव में संविदा कर्मचारियों का विशेष योगदान है। कर्मचारी कंपनी के कार्यों को करने के लिए सदैव तत्पर व प्रतिबद्ध रहते हैं। उनकी ही बदौलत प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है और कंपनी की वित्तीय स्थिति पर मजबूत हो रही है।

 

लेकिन, कंपनी द्वारा अभी तक संविदा नीतिकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। 23 संविदा कर्मियों की सेवाकाल के दौरान घातक विद्युत दुर्घटना से मौत भी हुई। लेकिन, कंपनी या शासन से किसी तरह आर्थिक मदद नहीं की गई। कंपनी के उदासीन रवैये से आक्रोशित होकर ही कर्मचारियों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। प्रबंधन और अधिकारियों शोषण और तानाशाही से संविदा कर्मियों पर दबाव बनाया जा रहा है पोल चढ़ने के लिए जो वास्तव में उनका कार्य के दायरे में नहीं आता और दुर्घटना की स्थिति में नियम में पोल चढ़ना नहीं है क्यों चढ़े?? ये सवाल उल्टा मृत या पीड़ित कर्मी से पूछा जाता है।विभाग के इस रवैए से पूरे प्रदेश के विद्धुत संविदा कर्मी लाचार हैं।

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