ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून गुरुवार को :- महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य Jyeshtha Amavasya on Thursday 10 June :- Mahant Rohit Shastri Jyotishacharya
*ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून गुरुवार को :- महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य।*
*कोरोना महामारी के चलते घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी इसका पुण्य प्राप्त होता है।*
*ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार करें दान*
*अमावस्या पर करे ये विशेष उपाय जिन्हें करके आप भी सुखी और समृद्धिशाली जीवन व्यतीत कर सकते हैं।*
जम्मू कश्मीर : अमावस्या माह में एक बार ही आती है। अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव है, इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या सन् 2021 ई. 10 जून गुरुवार को है। ज्येष्ठ अमावस्या के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के *अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया* ज्येष्ठ अमावस्या,ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि जून 09 बुधवार दोपहर 01 बजकर 59 बजे शरू होगी और 10 जून गुरुवार शाम 04 बजकर 23 मिंट पर समाप्त होगी,सूर्योदय व्यापिनी अमावस्या तिथि 10 जून गुरुवार को है अमावस्या तिथि सूर्योदयव्यापनी 10 जून गुरुवार होने के कारण स्नान,दान, जप,तप आदि करना 10 जून गुरुवार को ही शुभ होगा।
अमावस्या पर हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों और पवित्र नदियों पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है,कोरोना महामारी के चलते घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी इसका पुण्य प्राप्त होता है और इस दिन घर के आस पास जरूरतमंद लोगों को कुछ ना कुछ दान अवश्य करें।
*अमावस्या पर करे ये विशेष उपाय जिन्हें करके आप भी सुखी और समृद्धिशाली जीवन व्यतीत कर सकते हैं।*
अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या तिथि के दिन सूर्योदय काल में पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करने तथा सामर्थ्य के अनुसार दान करने से सभी पाप क्षय हो जाते हैं तथा पुण्य कि प्राप्ति होती है।
तिल, दूध और तिल से बनी मिठाइयों का दान दरिद्रता मिटाने वाला है।
प्रत्येक अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करें। ध्यान के साथ पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें। इस क्रिया को करते समय ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ मंत्र का जाप करें। उसके बाद पितृसूक्त का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है।
अमावस्या के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 3 बार अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ‘ॐ पितृभ्य: नम:’ का बीज मंत्र का जाप करें।
अमावस्या पर नीलकंठ स्तोत्र का पाठ, सर्पसूक्त पाठ, श्रीनारायण कवच का पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दिवंगत की पसंदीदा मिठाई तथा दक्षिणा सहित भोजन कराना चाहिए।
नि:संतानों की कुंडली में संतान प्राप्ति के योग बन जाते हैं। राहू नीच रूप में यदि किसी के भाग्य वाले स्थान पर बैठा हो तो इस दिन किया गया व्रत इसके दुष्प्रभाव को नष्ट कर देता है।
शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में लाल रंग के धागे का उपयोग करें।
गरीबी दूर करने, संतान की प्राप्ति के लिए, व्यवसाय में उन्नति के लिए चांदी का छोटा सा पीपल बनाकर दान करें।
अमावस्या के दिन कालसर्प दोष वालों को सुबह स्नान कर के चांदी के नाग-नागिन की पूजा करनी चाहिए। उजले फूल के साथ इसे फिर किसी बहते पानी में प्रवाहित करें।
भगवान विष्णु के मन्दिर में झंडा लगाएं,मां लक्ष्मी को खीर मेवा डाल कर प्रसाद भोग लगाएं माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को मन का देवता माना जाता है। अमावस्या के दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता। इसका प्रभाव सबसे अधिक उन्ही लोगों पर पड़ता है जो बहुत भावुक होते है। लड़कियों का मन सबसे अधिक भावुक होता है।
इस दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता जिसके कारण हमारे शरीर में हलचल होने लगती है।और जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाले होते है उन्हें नकरात्मक शक्ति प्रभाव में ले लेती है।
*अमावस्या के दिनों में किन बातों का खास ख्याल रखें*।
अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए,ब्रहम्चार्य का पालन करना चाहिए,इन दिनों में शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए, व्रत रखने वालों को इस व्रत के दौरान दाढ़ी-मूंछ और बाल नाखून नहीं काटने चाहिए, व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल-जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए,काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए,किसी का दिल दुखाना सबसे बड़ी हिंसा मानी जाती है। गलत काम करने से आपके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम होते है।
*अमावस्या के दिन अपनी राशि के अनुसार करें दान :-*
अमावस्या के दिन आपके द्वारा किया जाने वाला दान आपकी राशि से जुड़ा हो। राशि के अनुसार आपके लिए कौन सा दान फलदायी साबित होगा,यहां जानें –
मेष राशि: मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। इन राशि के जातकों को मूंगफली,काले चने,भूमि दान देना चाहिए।
वृष राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होने के कारण इन लोगों को सफेद वस्त्र, मोती, तेल,दूध, चीनी का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि : इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि के लोगों को हरी वस्तु, कांसा,हरा चारा,पन्ना दान देना चाहिए।
कर्क राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्र है। इस राशि के जातकों को चावल,आटा, घी,मोती,दूध, दही,सफेद रंग के वस्त्र दान करें।
सिंह राशि : इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। राशि अनुसार लाल चीजों का दान करना आपके लिए शुभ रहेगा। जैसे तांबा, केसर, लाल रंग के वस्त्र ,गुड़ दान कर सकते हैं।
कन्या राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि के लोगों को हरी वस्तु, कांसा,हरा चारा गाय माता को,हरी सब्जियां, पन्ना दान देना चाहिए।
तुला राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होने के कारण इन लोगों को सफेद वस्त्र, मोती,दही,चीनी का दान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि: इस राशि के जातकों का स्वामी ग्रह मंगल है। इस राशि के जातकों को लाल वस्त्र, मूंगा,भूमि,नारियल का दान करना चाहिए।
धनु राशि: इस राशि का स्वामी बृहस्पति है। इस राशि के जातकों को पीली वस्तु,केला,सोना, केसर, किताब और पीली वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ माना गया है।
मकर राशि : इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है। इस राशि के जातक को तेल, नीले और काले कपड़े, तिल, लोहा आदि का दान कर सकते हैं।
कुंभ राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होने के कारण इनसे संबंधित प्रिय वस्तुओं का दान किया जाना चाहिए। जैसे लोहा, काले कपड़े, नीले कपड़े, तिल, सरसों का तेल आदि का दान करना शुभ रहेगा।
मीन राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु होने के कारण इन लोगों को हल्दी,केला, दाल चने ,शहद, पुस्तक, पीली चीजें दान करना चाहिए।
*महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) प्रधान श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत) रायपुर ठठर जम्मू कश्मीर। संपर्कसूत्र 9858293195,7006711011,9796293195.ईमेल :rohitshastri.shastri1@gmail.com*