डीआरआई के टीम के साथ चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने की मारपीट ( विडियो )

चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने गुंडागर्दी के साथ उड़ाई कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां ,
दुर्ग / आज सुबह से ही हर जगह चैम्बर ऑफ कॉमर्स के दुर्ग उपाध्यक्ष एवं सराफा व्यवसायी प्रकाश सांखला के घर आयकर विभाग की रेड कार्यवाही ने चेंबर ऑफ कामर्स के सदस्यों की बेचैनी बढ़ा दी, परंतु मामला कुछ और ही निकला ।
जानकारी के मुताबिक सुबह डी आर आई (डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) की टीम ने प्रकाश सांखला के घर पर दबिश दी । पूरा मामला मध्यप्रदेश के सिवनी के किसी व्यापारी को 7 किलो सोना बेचने का था, दरअसल एक व्यापारी को 7 किलो सोने के साथ पकड़ा गया था, जिसके पास से 7 किलो सोना बरामद किया गया, जिसने दुर्ग के सराफा व्यवसायी प्रकाश सांखला से सोना खरीदने की जानकारी दी थी, जिसकी जाँच पड़ताल करने डी आर आई की टीम ने प्रकाश सांखला के घर सुबह 7 बजे से दबिश दी । इस कार्यवाही को गुप्त रखा गया था, जिसकी भनक लगते ही सराफा व्यवसायीयो की भीड़ प्रकाश सांखला के निवास में लगने लगी, परंतु जब पूछताछ करने के लिए प्रकाश सांखला के भतीजे नितिन सांखला को रायपुर ले जाने घर के पीछे के दरवाजे ले जाने का कोशिश की गई, जिसकी भनक लगते ही व्यवसायियों ने डी आर आई की टीम की घेराबंदी कर दी, डी आर आई की टीम ने घेराबंदी को देखते हुए किसी अनहोनी घटना की आशंका पर तुरंत अपनी गाड़ी सिटी कोतवाली थाना दुर्ग की ओर मोड़ दी, और जैसे ही गाड़ी सिटी कोतवाली के बाहर तक पहुची तो चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के लोगो के साथ डी आर आई टीम की जमकर तू तू मैं मैं हो गई, और सराफा व्यवसायियों ने सैकड़ो की तादाद में पहुँचकर डी आर आई की टीम को उनके वाहन के अंदर से खीचकर बाहर निकाला जिसके बाद अधिकारीयों के साथ झूमा झटकी करते हुए मारपीट कर दी । लगातार व्यवसायी एवं चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों का जमावड़ा सिटी कोतवाली थाने में लगता रहा व इस कोरोना काल के प्रोटोकॉल का खुला उलंघन किया गया, शोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 की धज्जियां उड़ती रही और वही पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ये पूरा तमाशा मूकदर्शक बनकर देखती रही । मामले को लेकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी एवं महामंत्री अजय भसीन भी पहुंचे लेकिन इस पूरी घटना पर कुछ भी बोलने से मना करते रहे, वही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सेंट्रल गवर्मेंट के बात कहते हुए किसी भी प्रकार की जानकारी न होने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया । वही डी आर आई के टीम के द्वारा एक न्यूज पोर्टल के पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार कर मोबाइल और कैमरा छिनने की बात भी सामने आई जिसकी लिखित शिकायत उक्त पत्रकार ने सिटी कोतवाली थाने में की है । इस पुरे मामले पर दुर्ग के वरिष्ठ पार्षद मदन जैन ने जानकारी दी लेकिन उन्होंने भी मारपीट की बात को झुटा बता दिया, पूरे मामले को लेकर को लेकर अब जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए है । अधिकारियों के साथ गुंडागर्दी मारपीट पर प्रशासन क्यों मौन? कॉविड के प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई ऐसे में कोरोना के संक्रमण के फैलने पर कौन होगा जिम्मेदार? किसी भी कानूनी कार्यवाही को लेकर इस तरह से भीड़ जमा कर गुंडागर्दी किया जाना कहा तक सही है ? आने वाले समय में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही को रोकने इस तरह की गुंडागर्दी को बल मिलेगा !