पत्रकारों ने आंख में काली पट्टी बांधकर मौन विरोध प्रदर्शित किया आँख ने देखा आँख में दिखाई देने वाला दृश्य*

*पत्रकारों ने आंख में काली पट्टी बांधकर मौन विरोध प्रदर्शित किया* केशकाल।पत्रकार को मनगढ़ंत झूठे गंभीर आपराधिक प्रकरंण में फंसाने के लिए पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाने दिये गये लिखीत शिकायत को लेकर कोंडागांव जिला के पत्रकारों ने आंखों में काली पट्टी बांध कर अपना मौन विरोध प्रदर्शित करते मामले की निष्पक्ष जांच कर प्रतिशोध वश झूठी रिपोर्ट कराने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग किया । उल्लेखनीय है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिश्रामपुरी में कोविड 19 के मरीजों को एक्सपायरी डेट वाली दवा वितरंण करने की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना जिला चिकित्सा अधिकारी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी देकर 19मई को एक पत्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंहुचा। स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 9.15बजे तक ओ पी डी में कोई भी कर्मचारी और डाक्टर नहीं थे जबकि ओ पी डी खुलने का समय सुबह 9 बजे निर्धारित है। इसके बाद एक्सपायरी डेट मरीजों को वितरंण किये जाने की पुष्टि के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकार ने मरीज एवं उसके परिवार जन से जानकारी लेकर उनका विडियोग्राफी किया ।जिसमे मरीज के पिता ने एक्सपायरी डेट की दवा देने की बात बकायदा कैमरे के सामने बताते हुए दवा भी दिखा दिया। इसी दरम्यान तहसीलदार भी स्वास्थ्य केंद्र पंहुच गये और उनके पूछताछ में भी यह प्रमांणित हो गया की एक्सपायरी डेट की दवा वितरंण किया जा रहा है।जिसके बाद उक्त पत्रकार ने खंण्ड चिकित्सा अधिकारी यू.एन.ध्रुव से कैमरे पर उनका कथन रिकार्ड किया गया जिसमें भी उन्होंने कर्मचारियों के समय पर न आने और एक्सपायरी डेट की दवा बांटे जाने की बात को स्वीकारते हुए जांच कर कार्रवाई करने की बात कहा। समाचार संकलन कर सभी के कथन की रिकार्डिंग करके पत्रकार वापस लौट आया । उसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों एवं डाक्टरों में हड़कंप मच गया और पत्रकार पर ही आरोप मढकर फंसाने का कुचक्र रचा गया। आपस में सलाह मशविरा कर एक राय होकर पत्रकार को गंभीर आपराधिक मामले फंसा देने की मंशा से एक नर्स की तरफ से और खंण्ड चिकित्सा अधिकारी की तरफ से अलग अलग दो लिखीत शिकायत पत्र पुलिस थाना बिश्रामपुरी में प्रदान किया गया। इस बात की जानकारी मिलने पर बिश्रामपुरी के लोगों ने और पूरे मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने घोर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसकी निन्दा करने लगे वंही पत्रकार भी मामले को लेकर नाराजगी जाहिर करने लगे। 20मई को जिले के पत्रकार बिश्रामपुरी पंहुचे और पत्रकार प्रकाश नाग के अलावा समाचार संकलन के समय मौजूद लोगों से जानकारी लेकर पुलिस थाना में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करने दिये गये लिखीत शिकायत के बारे में जानकारी प्राप्त किया। मामले से संबंधित सभी पक्ष की जानकारी लेने पर जब सभी पत्रकारों को यह मालूम हो गया की पूरे शालीनता पूर्वक निष्पक्ष पत्रकार का धर्म निर्वाह करते अपना फर्ज निर्वाह करने वाले पत्रकार को प्रतिशोध वश मनगढंत झूठे गंभीर आपराधिक मामले में फंसाने की नियत से लिखीत शिकायत किया गया है तब पत्रकार क्षुब्ध हो गये और सभी ने आपस में यह विचार विमर्श कर निर्णय लिया की मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग किया जावे।आज कोविड 19वैश्विक महामारी के समय भी अपने जान माल परिवार की परवाह न कर अपने फर्ज का निर्वाह करने वाले पत्रकार के खिलाफ ही उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर रूख अख्तियार किया जा रहा है जो प्रेस की आजादी एवं सुरक्षा सम्मान के लिए बहुत दुखद् और चिंताजनक है जिसके चलते पत्रकारों ने अपनी आंख में पट्टी बांध कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास दो मिनट मौन खड़े रहकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। कोंडागांव प्रेस क्लब के पत्रकारों ने तय किया है कि कर्तव्य के प्रति लापरवाह उदासीन रहकर समय पर उपस्थित न होने वाले एवं एक्सपायरी डेट दवा देकर मरीज के जीवन को खतरे में डालने वाले कर्मचारियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन तथा दुर्भावनावश झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वालों के खिलाफ पुलिस अपराध कायम कर कानूनी कार्रवाई नहीं करती है तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे। स्वास्थ्य विभाग -जिला प्रशासन और पुलिस विभाग क्या करती है यह देखकर भविष्य में कार्रवाई की मांग को लेकर पत्रकार आने वाले दिनों में अपनी रणनीति तय करेंगे।