आबकारी नीति पर रोना ना रोए भाजपाई-शिशुपाल शोरी थमती सांसों को रोकने में शासन प्रशासन का सहयोग करेआबकारी नीति पर रोना ना रोए भाजपाई-शिशुपाल शोरी थमती सांसों को रोकने में शासन प्रशासन का सहयोग करे BJP should not cry over excise policyCooperate with the administration to stop the breathing
आबकारी नीति पर रोना ना रोए भाजपाई-शिशुपाल शोरी
थमती सांसों को रोकने में शासन प्रशासन का सहयोग करे
कंाकेर। संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक कांकेर शिशुपाल शोरी के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी का कहा है कि आज कल सभी छोटे बड़े भाजपाई छत्तीसगढ़ शासन के आॅनलाईन शराब बिक्री पर उलजुलल बयानबाजी कर रहे है। पहले भाजपाई भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश के शराब बिक्री की व्यवस्था को देखे उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने तो लाॅकडाउन में भी शराब बिक्री की खुली छूट दे रखी है। मध्यप्रदेश में अवैैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार सख्ती एवं प्रभावी नियत्रंण का ही नतीजा है कि शराब बिक्री पूर्णतः नियंत्रित है जिसके कारण शराब के आदी व्यक्तियों के द्वारा नशा के लिए प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया जा रहा है जिसके कारण लोगों की जाने जा रही है आज सरकार की पहली प्राथमिकता है लोगों की जान बचे, लोग सुरक्षित रहे एैसे स्थिति में मांग पर आॅनलाईन शराब बिक्री का निर्णय परिस्थितिजन्य स्थिति में लिया गया है । नशीले पदार्थों का सेवन चाहे किसी भी राज्यों में है वह स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक होता है यदि नशा का सेवन छत्तीसगढ़ में लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसान देह है तो उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश में फायदेमंद तो नहीं हो सकता। राज्य में लोगों की स्वास्थ्य की चिंता करते हुए ही कांग्रेस की सराकार ने नशाबंदी का निर्णय लिया है जिसके प्रभावी नियत्रण एवं उसके उत्पन्न स्थिति के दुरगामी परिणाम क्या होगें, उसका अध्ययन विधानसभा की उपसमिति एवं विशेषज्ञों की समिति के माध्यम से किया जा रहा है। गौरतलब है कि विधानसभा की उपसमिति में सुझाव हेतु भाजपा से भी नाम मांगे गये थे किन्तु लोकहित के मुद्दों में आंख चुराने वाली भाजपा बयानबाजी तक ही सीमित है । कांग्रेस की यह सोच नशाबंदी के विरूद्ध प्रतिबंधता को दर्शाता है। अगर भाजपाई सही में मानते है कि नशा समाज के लिए नुकसान दायक है तो उनसे आग्रह है कि पूरे देश में नशाबंदी हेतु राष्ट्रीय नीति बनाने हेतु मोदी सरकार से आग्रह करे। केवल छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने की नियत से बेतुके बयानबाजी ना करे।