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सैकड़ों को जान बचाने वाली मीना हारी जिंदगी की जंग, पति की हालत भी नाजुक Meena, who saved hundreds of lives, lost the battle of life, her husband’s condition was also critical

जबलपुर. सैकड़ों लोगों की जान बचाने वाली शहर की नर्स मीना सराठे कोरोना की जंग हार गई हैं. मीना नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ थीं. उनके निधन से पूरे मेडिकल महकमे में शोक की लहर है. मीना 2002 से यहां लोगों की सेवा कर रही थीं. उनके पति के अलावा दो बच्चे भी हैं. मीना के पति भी कोरोना संक्रमित हैं. उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष हर्षा सोलंकी ने बताय कि मीना के दोनों बच्चों के भविष्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है. मीना को पहले से ही कई बीमारियां थीं और उसे वैक्सीन भी नहीं लगी थी. इस वजह से उसने कोविड वार्ड में ड्यूटी न लगाने की अपील भी की थी. लेकिन, उसकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया.

नर्सिंग एसोसिएशन ने की आर्थिक सहायता की मांग 

 

8 अप्रैल को उसे कोविड वार्ड में ड्यूटी दे दी गई. 18 अप्रेल को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और फिर उसे इलाज के लिए एडमिट किया गया था. नर्सिंग एसोसिएशन ने मांग की है कि मीना को कोरोना योद्धा का दर्जा और 55 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए. इसके साथ ही उनके परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए.

 

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