वाराणसी में भी चार प्रत्याशी प्रधानी जीते लेकिन हार गए जिंदगी की जंग Four candidates won the election in Varanasi but lost the battle of life

जिंदगी बड़ी अनिश्चित होती है. किसी को नहीं पता कि अगले पल क्या होने वाला है? कोरोना काल (Corona Pandemic) में ज़िंदगी के ऐसे अजीबोग़रीब फ़ैसले हर रोज़ ही सुनने को मिल रहे हैं. जिंदगी का यही खेल वाराणसी के पंचायत चुनाव (Varanasi Panchayat Chunav) में भी देखने को मिला, यहां चार प्रत्याशी प्रधानी का चुनाव तो जीत गए लेकिन जिंदगी की जंग हार गए. कुछ की सांसे परिणाम आने से पहले ही टूट गयीं तो किसी ने परिणाम सुनते ही प्राण त्याग दिए.
मामला वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक, पिंडरा ब्लॉक और चोलापुर का है. चिरईगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत सृष्टि से ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी निर्मला की मौत काउंटिंग से पहले हो गई, लेकिन जब परिणाम आया तो उनकी जीत घोषित हुई. परिणाम सुनकर उनके परिजन और गांव के लोगों की ख़ुशी से चमकती आंख में आंसू आ गए, क्योंकि इस परिणाम का इंतजार सबसे ज्यादा निर्मला को था. लेकिन यह परिणाम आने से पहले ही जिंदगी ने उनका साथ छोड़ दिया. कुछ ऐसा ही मामला इसी ब्लॉक के ग्राम शिवदसा से धर्म देव यादव के साथ हुआ. चिरईगांव ब्लॉक के गांव शिवदसा से धर्म देव यादव प्रधान के लिए विजयी घोषित हुए, जबकि उनका भी देहांत मतगणना से पहले हो गया था. यहां भी खुशी और गम का यही नजारा देखने को मिला। फिलहाल यह दोनों सीटें रिक्त रहेंगी.
दूसरी ओर पिंडरा ब्लॉक के नंदापुर से घोषणा हुई कि सुनरा देवी ने कड़ी टक्कर देते हुए तीन वोटों से जीत दर्ज की. जीत की ख़ुशख़बरी देने के लिए बेटे अजय ने जब आईसीयू में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही सुनरा देवी को फ़ोन पर सूचना दी तो खबर पाकर सुनरा देवी की भी सांसे थम गयीं। ऐसा ही कुछ मामला चोलापुर विकासखंड के चुमकुनी गांव का रहा. यहां के रहने वाले अनिल कुमार सिंह की पत्नी वीणा सिंह छितमपुर गांव से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं, लेकिन बीमारी के चलते 29 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी. निर्वाचित वीना सिंह का जीत का प्रमाण पत्र तो रखा हुआ है लेकिन उसको लेने के वीना नहीं है. हालांकि जीत के बाद प्रत्याशी की मौत होने पर सीट रिक्त हो गई है अब बताया जा रहा है कि यहां एक बार फिर चुनाव होगा.