छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले में महज चार माह में 86 लाख 98 हजार रुपए राशि के अब तक 2249 क्विंटल लघु वनोपजों संग्रहण कबीरधाम जिले में महज चार महीने में 86 लाख 98 हजार रुपए की राशि अब तक 2249 क्विंटल लघु वनोपज संग्रहण

कबीरधाम जिले में महज चार माह में 86 लाख 98 हजार रुपए राशि के अब तक 2249 क्विंटल लघु वनोपजों संग्रहण

कोरोना संक्रमण में वनउपज संग्रहण परिवारों के लिए वनोपज बनी संजीवनी

कवर्धा, 01 मई 2021।  वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत लघु वनोपजों का संग्रहण निरंतर जारी है। कबीरधाम जिले में वर्ष 2021 में महज चार माह में ही 86 लाख 98 हजार रूपए के अब तक 2249 क्विंटल लघुवनोपज को संग्रहण कर लिया गया है। कोविड संक्रमण के इस विपरित परिस्थतियों में जिले के लघुवनोपज संग्रहक परिवारों के लिए जिले के जंगल में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार के वनोपज उनके जीवन के लिए संजीवनी साबित हो रही है।
वनमंडलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया कि कबीरधाम जिला सघन वन एवं जैवविधिता से परिपूर्ण तथा समृद्ध है। यहां लघुवनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। अंचल में लघु वनोपज महुआ बहुतायत प्राप्त होता हैं। जहां विभिन्न श्रृंखला में महुआ से बने स्वादिष्ट उत्पाद महुआ स्क्वैश (शरबत), महुआ आरटीएस (जूस), महुआ चटनी, महुआ चिक्की, महुआ लड्डू एवं सूखा महुआ उपलब्ध है। प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन एवं कैल्शियम से भरपूर महुआ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। प्रोसेसिंग यूनिट में वनोजपज को वैल्यूएडिशन किया जा रहा है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए एवं सी से भरपूर है और डायबिटीज के मरीजों और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए फायदेमंद है।
वनमंडलाधिकारी श्री प्रभाकर ने बताया कि कबीरधाम में जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा के अंतर्गत मुख्य रूप से चरोटा, चिरायता, साल बीज, माहुल पत्ता, हर्रा, बहेड़ा, शहद, महुआ, चिरौंजी, लाख, वन तुलसा, वन जीरा, आदि का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है।  पांच वन धन केंद्र, 22 हाट बाजार, 139 ग्राम स्तरीय संग्रहण केंद्र इस कार्य में संलग्न हैं जो कि 268 महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से चलाए जा रहे हैं। इस योजना में वर्ष 2020 में अन्य लघु वनोपजों का 7869 क्विंटल संग्रहण हुआ। जिसकी राशि 1.80 करोड़ रूपए थी जो सीधे 4064 संग्राहकों को प्राप्त हुई। वहीं वर्ष 2021 में अब तक 2249 क्विंटल अन्य लघु वनोपजों संग्रहण किया गया है, जिसके राशि 86 लाख 98 हजार रुपए का लाभ 1618 संग्राहकों को मिल चुका है।
बोड़ला में स्थित शहद प्रसंस्करण केंद्र छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक शहद उत्पादन करता है तो, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा द्वारा संचालित संजीवनी दुकान पर उपलब्ध लघु वनोपजों से बने विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स का विक्रय भी राज्य में वर्ष 2020-2021 में अव्वल रहा है।
कवर्धा वन मंडल तथा जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित कवर्धा के अंतर्गत तेंदूपत्ता तथा अन्य लघु वनोपजों के संग्रहण कार्य से वनांचल के ग्रामीणों को कोरोना महामारी की विकट परिस्थिति में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला, अपर प्रबंध बजाज संचालक श्री एस.एस. अपर प्रबंध संचालक श्री आनंद बाबू, महाप्रबंधक श्री अमरनाथ प्रसाद, महाप्रबंधक एवं मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वन वृत्त दुर्ग श्रीमती शालिनी रैना, तथा श्री रमेश जांगड़े प्रबंध संचालक एवं राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर की टीम का सहयोग और सतत मार्गदर्शन मिलता रहा है। कवर्धा वन मंडल अंतर्गत ग्रामीण अंचल में विभिन्न लघु वनोपजों के संग्रह एवं उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वन विभाग के द्वारा क्रय के जरिए बहुत से जरूरतमंद लोगों को रोजी मिल रही है जो कि रामबाण के रूप में उनके जीवन निर्वाह में महति भूमिका निभा रहा है।

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