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*कलेक्टर के लॉकडाउन प्रोटोकॉल को हाशिये पर रखकर देवकर में चल रहा निर्माणाधीन पुल का कार्य*

(संकटकाल में प्रशासनिक सिस्टम बना खिलौना, निर्माण में तीन दर्जनों सहित सैकड़ों जिंदगियाँ दांव पर)

*देवकर:-* लोकनिर्माण विभाग सम्बद्घ सेतु निर्माण सम्भाग द्वारा नगर देवकर में सुरही नदी पर करीब 15 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन पुल में ज़िला प्रशासन एवं क्लेक्टर-शिव अनन्त तायल के लॉकडाउन आदेश एवं प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाकर इस भीषण महामारी के दौर में बड़े पैमाने पर मज़दूरों से काम लिया जा रहा है।जिस पर प्रशासन के दोहरे रवैये से नाराज आमलोगों द्वारा बताया जा रहा है, कि ठेकेदार व निर्माण कम्पनी को ज़िला प्रशासन द्वारा पर्दे के पीछे से सिस्टम के नियम विपरीत विशेष छूट प्रदान की गई है।जबकि आदेश के तहत आमआदमी रोजगार व धन्धा पानी छोड़कर घर रहकर प्रशासन को सहयोग कर रहे है।

*नगर-क्षेत्र में महामारी चरम पर, बावजूद विभिन्न इलाकों के मज़दूर कार्यरत*

दरअसल नगर सहित आसपास के गाँवो में रोजाना कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आ रही है।देवकर सहित समूचे क्षेत्र में करीब 50 से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो गयी है।इसके बावजूद पुल निर्माण कार्य मे करीब तीन दर्जन की तादाद में मज़दूर लगे है।जो नगर सहित ग्रामीण अंचल के अलग अलग क्षेत्र से आवाजाही करते है।इसके अलावा कई मज़दूर बाहर के भी बताए जा रहे है।जिससे संक्रमण का खतरा मज़दूर व उनके परिवारों सहित पूरे नगर-क्षेत्र अधिक देखा जा रहा है।वही जिम्मेदार प्रशासन भी जानकारी होते हुए मूकदर्शक बन नगर क्षेत्र में महामारी के बढ़ने की इंतज़ार में है।

*लॉकडाउन आदेश व निर्माण नीति की धज्जियां उड़ाना बना खेल*
चूंकि निर्माण कम्पनी करोड़ो रूपये के निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों से सांठगांठ कर लिए है,जिसके कारण आदेश को हाशिये पर रखकर निर्माण मापदंड एवं नीति की भी सरेआम अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य तालाबंदी के पे दिन से लगातार चलता आ रहा है।जिम्मेदार अफसर व ठेकेदार कार्य जल्दी पूरा कराने के लिये माई-मौसी का प्रगाढ़ सम्बंध बनाये हुए है।जो ज़िला प्रशासन एवं कलेक्टर शिव अनन्त तायल की भी परवाह नही कर रहे है और लॉकडाउन को कागज रूपी आदेश समझकर सिस्टम का मज़ाक व धज्जियां उड़ा रहे है।

*लॉकडाउन के दौरान लगातार नियम-नीति के विपरीत कार्य*
गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय स्तर के प्रोजेक्ट जैसे नेशनल हाइवे निर्माण कार्य, जरूरी व आपातकालीन कार्य एवं घरेलू स्तर वर्क फ्रॉम होम पर ही कार्य की विशेष छूट है।जबकि इसके अलावा इस भीषण दौर में किसी भी तरह से कार्य करना गैरकानूनी व अवैधानिक माना जाता है।वर्तमान में पुल निर्माण से जुड़े लोग लॉकडाउन में करीब पानी टैंकर, जेसीबी, एग्जास मशीन व एक रोलर इंजन सहित ट्रैक्टरों को लेकर करीब तीन दर्जन से ज्यादा मज़दूर नियम के विपरीत कार्य कर नगर-क्षेत्रवासियों को चिढा रहे है।वही ज़िला प्रशासन को भी चुनौती दे रहे है।जबकि नियम उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है।
*प्रशासन के दोहरे रवैये से आम जनता में नकारात्मकता*
जबकि देवकर सहित पूरे जिले में लॉकडाउन लगे होने के कारण आम नागरिक अपने कामकाज व रोजगार बन्द कर आदेश के परिपालन में लगे है।जिनके लिए वर्तमान समय आर्थिक रूप से संकटकाल से कम नही।इसके बावजूद नगर-अंचल क्षेत्र के रहवासी शासन-प्रशासन को पूरा सहयोग कर रहे है। जिससे आम जनों में यह अवधारणा बन रही है कि लॉकडाउन तो आम आदमी को रोकने के लिए है असल मे पैसे वाले ठेकेदारों व निर्माण कम्पनी वालों के लिए शासन-प्रशासन कथित तौर नियम को ताक पर रखकर कार्य करने की विशेष छूट प्रदान करती है।जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वसनियता व नकारात्मकता बढ़ने लगी है।

*सेतु सम्भाग विभाग के निर्माण सम्बन्धी नीतियों व मापदंडों का भी पालन नही*
फिलहाल मामला लॉकडाउन आदेश की अवहेलना की ही नही है।उक्त निर्माण कार्य जब से हो रहा है तब से लगातार मनमानी, लापरवाही और अनियमित्ता हेतु विशेष रियायत प्रशासन द्वारा दी गयी है।जिसमे ढेरो समाचार प्रकाशन के बाद सिस्टम के रखवालो के कान खड़े नही हो रहे है,और कुम्भकर्ण के जैसे प्रतीत हो रहे है।क्योंकि देखा जाए तो निर्माण एजेंसी द्वारा मज़दूरों को बगैर सेहत की सुरक्षा, बिना दुर्घटना से बचाव के नियम के कार्य लिया जा रहा है।जिसमे सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से जरूरी निर्माण उपकरण भी प्रदान नही किया जा रहा है।जिससे बिना हेलमेट व मास्क सहित ढेरो मनमानी दिख रही है इसके अलावा समीप के दायरे में दलदल व कीचड़ सहित सड़क व नालियों पर गैर जरूरी गड्ढे बनाकर हादसे को आमन्त्णा दे रही है।
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“चूंकि तालाबंदी के पहले मैं एक दुकानदार था, जो जीविका चलाने सब्जी विक्रेता बनकर भी समय पर कारोबार करते हुये प्रशासन को पूरा सहयोग कर रहा हूँ।जबकि ऐसे समय मे निर्माण कार्य समझ से परे है।लगता है यहां सिस्टम आम नागरिक के लिए लॉकडाउन लगाता है लेकिन निर्माण कार्य के लिए नही।यह तो सिस्टम की दोहरी नीति है।”
*०किशन साहू०*
*(आम नागरिक-देवकर)*

दरअसल लॉकडाउन में कई इलाकों से मज़दूरो को लाकर कोरोनाकाल में काम कराना जिन्दगी से खिलवाड़ करना है।प्रशासन को ऐसे अनैतिक कार्यो को तत्काल बन्द कराना चाहिए।नही तो महामारी घटने के बजाए बढ़ेगी।
*०एहशान शेख०*
*(समाजसेवक-देवकर)*

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