शराब के मनमाने दर से मदिरा प्रेमी आक्रोशित
ओवर रेट की शिकायतों पर की जा रही कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
भिलाई । जिले के अधिकांश शराब की दुकानों में प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बेचा जा रहा है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी विभागीय कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। हाल के दिनों में ऐसी शिकायतों में काफी इजाफा हुआ है। इस वजह से शराब के ठेकों पर मदिरा प्रेमियों व सेल्समेन के बीच विवाद की स्थिति बनी रहती है। प्रिंट से अधिक रेट पर शराब बेचने वाले सेल्समेन इनके दामों में इजाफे की बात कर रहे हैं। खासबात यह है कि बिल भी बड़ी हुई दर का दे रहे हैं। इससे मदिारा प्रेमियों में उहापोह की स्थिति है।
ताजा मामले में एक शिकायत कर्ता ने बताया कि उन्होंने भिलाई की एक शराब की दुकान से शराब की एक बोतल खरीदी। बोतल पर प्रिंट 1260 रुपए का था और बिल 1320 रुपए का दिया गया। ग्राहक ने जब इसका कारण पूछा तो सेल्समेन उक्त शराब की दर बढऩे और बोतल पर नया प्रिंट नहीं आने की बात बताई। इस बात को लेकर ग्र्राहक व सेल्समेन में बीच काफी विवाद भी हुआ और अंतत: उक्त बोतल को 1320 रुपए में ही लेना पड़ा। यह एक मामला नहीं है बल्कि जिले की शराब की दुकानों में रोजाना यही खेल चल रहा है।
शराब की ऊंची कीमतों की शिकायतें लगातार की जा रही है। शहर की कई प्राइम दुकानों में इस प्रकार की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। दुर्ग भिलाई में बटालियन, सुपेला राजेन्द्र प्रसाद चौक, एसीसी चौक, नंदनी रोड, रिसाली, सिविक सेंटर आदि जगह स्थित शराब की दुकानों में ओवर रेट की शिकायतें जब कभी आती रहती हैं। शराब की बोतलों पर इन दिनों 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
ओवररेट की शिकायत मिलने पर आबकारी विभाग कार्रवाई का दावा तो कर रहा है लेकिन यह शिकायत कहां की जाए इसकी जानकारी ग्राहकों को नहीं है। जिले के किसी भी शराब की दुकान में न तो शिकायत पेटी लगाई गई है और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी का नंबर चस्पा किया गया। जानकारी के अभाव में ग्राहकों द्वारा प्रिंट से अधिक में शराब खरीदा जा रहा है लेकिन इसकी शिकायत नहीं हो पा रही है।
ओवर रेट बेचने वालों पर होती है कार्रवाई-नोहर सिंह ठाकुर
दुर्ग जिला आबकारी विभाग के एएस नोहर सिंह ठाकुर का कहना है कि ओवर रेट की शिकायत आने पर संबंधित दुकान के जिम्मेदार व्यक्ति को तत्काल नौकरी से निकाल दिया जाता है। रही प्रिंट से अधिकदर पर शराब बेचने की तो बिल पर जो दर अंकित है वह सही है। शराब की दुकानों में जो पुराना स्टॉक होता है उसमें नई दर नहीं आ पाती लेकिन स्केनिंग में उसकी सही कीमत आती है। यदि सेल्समेन बिल की दर से अधिक ले रहा है तो वह गलत है। इसकी शिकायत आबकारी विभाग में की जा सकती है। ऐसे लोगों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी।