सांई महाविद्यालय में पर्यावरण की सुरक्षा की ओर छात्रों का ध्यान आकर्षित करने मनाया गया वसुंधरा दिवस

भिलाईनगर / सांई महाविद्यालय सेक्टर 6 के बायोटेक्नोलॉजी विभाग, इको क्लब तथा आई.क्यू.ए.सी. सेल के संयुक्त तत्वाधान में अर्थ डे के उपलक्ष्य में दो दिवसीय ऑनलाईन इंटर कॉलेज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यावरण में संबंधित विषयों पर जैसे नवीनीकृत एवं अविनिकृत संसाधन प्रदूषण, क्लाइमेंट चेंज विषय पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन, बेस्ट सेल्फी विथ नेचर, स्लोगन प्रतियोगिता एवं प्लांटेशन ड्राइव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न महाविद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया। इसी श्रंखला में 22 अपै्रल को वसुंधरा दिवस के शुभ अवसर पर वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा विशेष अतिथि के रूप में डॉ.प्रशांत श्रीवास्तव छात्र कल्याण अधिष्ठता हेमचंद यादव विश्वविद्यालय एवं बर्थ डे के महत्व को बताने के लिए विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ.अनीता सावंत, रीजनल ऑफिसर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल एवं डॉ. पीयूष कान्त पाण्डेय डायरेक्ट एलसीआईटी गु्रप ऑफ इंस्टिट्युशन मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरूआत श्रीमती सोनल खंडेलवाल, बायोटेक्नोलॉजी विभाग से वसुंधरा गीत के द्वारा की गई तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.डी.बी.तिवारी के द्वारा अतिथियों का परिचय देते हुए वसुंधरा दिवस की महत्ता एवं पृथ्वी द्वारा जीवन मात्र को प्रदान की जाने वाली जलवायु की उपलब्धियों विभिन्न शास्त्रों के माध्यम से व्यक्त किया गया। कुलपति महोदया डॉ. अरूणा पल्टा ने अपने विचार रखते हुए पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला उन्होंने आगे कहा कि, हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखते के लिए केवल एक दिन वसुंधरा दिवस नहीं मनाना, अपितु प्रत्येक दिन इस बात का ध्यान रखें कि हमें प्रकृति को अपने एवं अपने आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित रखनी है। डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि, हम छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखकर पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए जैसे नल को खुला नहीं छोडऩा चाहिए, बिजली की बचत करें एंव पॉलिथीन का उपयोग कम करें आदि। डॉ. अनीता ने वसुंधरा दिवस पर चर्चा करते हुए बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए शासन द्वारा अनेक नियम एंव कानून बनाये गये किन्तु जब तक हम स्वयं से जागरूक नहीं होंगे, तब तक पर्यावरण सुरक्षा एक कठिन कार्य है। डॉ. पीयूष कांत पांडे ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि, इस महामारी के समय में ऑक्सीजन की आवश्यकता और उसको संरक्षित रखने की महत्ता समझ आती है। अत: हमें चाहिए कि, ज्यादा से ज्यादा वनों का संरक्षण करें ताकि ऐसी भयावह स्थिति से निपटा जा सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, अन्य ग्रहों में जीवन की कल्पना हम भले ही करें किन्तु पृथ्वी ही एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन है, हमें पृथ्वी के महत्व को समझना होगा। इस सेमीनार के आयोजन में महाविद्यालय की डिप्टी डायरेक्टर डॉ.ममता सिंह की परिकल्पना निहित है। कार्यक्रम का कुशल संचालन भी उन्होंने किया, वक्ताओं के अभिमत के पश्चात श्रीमती शशि साहू सहायक प्राध्यापक बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाते हुए एक संकल्पित कविता व्यक्ति की गई। अंत में सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विमल कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा को साकार करने में महाविद्यालय के डायरेक्टर एच.एस.सचदेव का हर पल सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राध्यापकों को मिलता रहा। कार्यक्रम की सफलता के लिए चेयरमेन जी.एस.सचदेव ने ऑर्गेनाईजिंग कमेटी के सभी सदस्यों को बधाई दी।