भिलाई स्टील प्लांट का सेक्टर नौ हॉस्पिटल अब कोविड मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, Bhilai Steel Plant’s Sector Nine Hospital is now proving to be a boon for Kovid patients

क्रिटीकल केयर सुविधाओं में की जा रही है लगातार भारी वृद्धि
1 अप्रैल से अब तक 15 हजार मरीजों का हो चुका है यहां इलाज
भिलाई / भिलाई इस्पात संयंत्र के जेएलएन अस्पताल में वर्तमान में कोविड-19 मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके साथ ही कोविड के गंभीर, अति गंभीर तथा क्रिटीकल मरीजों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि देखी गई है। अत: इस्पात बिरादरी के जीवन बचाने हेतु बीएसपी ने अपने क्रिटीकल केयर मुहिम को तेज कर दिया है। सिर्फ 1 अप्रैल, 2021 से अब तक 2000 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया। सिर्फ अप्रेल माह में 15,000 से भी अधिक मरीजों का इलाज जहां कोविड-19 के पूर्व इस अस्पताल के कैजुअल्टी में लगभग 3000 मरीज आते थे, आज अप्रैल, 2021 के सिर्फ 25 दिनों में लगभग 7800 से अधिक मरीज कैजुअल्टी में इलाज हेतु पहुंचे। कैजुअल्टी की इंचार्ज डॉक्टर मीनाक्षी दवे व उनकी टीम ने बड़े धैर्य के साथ इनका इलाज कर रही हैं। इसके अतिरिक्त इस अस्पताल में संचालित फ्लू-क्लीनिक में सिर्फ अप्रैल, 2021 में अब तक 7700 से अधिक मरीजों ने अपना इलाज कराया है। मरीजों के इन दोनों संख्याओं को मिला दिया जाए तो लगभग 15,500 से अधिक मरीज सिर्फ अप्रैल, 2021 में ही इलाज हेतु इस अस्पताल में आ चुके हैं। यह संख्या सामान्य दिनों से 5 गुना अधिक है। कोविड-19 मरीजों के इस बढ़ते दबाव के बीच बीएसपी प्रबंधन ने निरंतर सुविधाओं में वृद्धि की है। बीएसपी के मेडिकल टीम ने इस दबाव का बड़ी हिम्मत से सामना किया है। इस टीम ने अपने जान को जोखिम में डालकर भी इन मरीजों की सेवा में अपना दिन रात एक कर दिया है। इसके साथ ही प्रबंधन ने भी सुविधा के विस्तार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है। अस्पताल की सुविधाओं में निरंतर वृद्धि की जा रही है। जिससे भिलाई की इस्पात बिरादरी बेहतर चिकित्सा प्राप्त कर सके। क्रिटीकल केयर सुविधाओं में वृद्धि वर्तमान में 1 अप्रैल, 2021 से अब तक 2000 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें से कई गंभीर मरीजों का इलाज किया गया एवं वर्तमान में भी इलाज जारी है। कोविड मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए संयंत्र प्रबंधन तथा अस्पताल प्रबंधन ने सेक्टर-9 अस्पताल में क्रिटीकल केयर की सुविधाओं में भारी वृद्धि की है। जहाँ ऑक्सीजन बेडस् बढ़ाए गये, वहीं अति गंभीर मरीजों हेतु आईसीयू बेडस् में भी वृद्धि की गई। इसके साथ ही बेहद क्रिटीकल मरीजों के लिए वेंटीलेटर्स की संख्या भी बढ़ाई गयी है। इसी प्रकार कोविड के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए कई नई व बेहतरीन सुविधाएँ उपलब्ध कराई गयी है। जिसमें एचडीयू बेडस् के साथ-साथ सी-पैप मशीनें व बाई-पैप मशीनें भी लगाई गयी है। इसके अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था में भी सुधार किया गया है। आज दिनाँक 26 अप्रेल, 2021 को बाई-पैप मशीनों को तत्काल मंगाकर अस्पताल में स्थापित कर दिया गया है। इस प्रकार कोविड मरीजों को बचाने हेतु आवश्यक क्रिटीकल केयर की हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। क्रिटीकल केयर के इन प्रयासों पर एक नजऱ डाले- बीएसपी की क्रिटीकल केयर सुविधायें:- एक नजऱ में कोविड ऑक्सीजन बेडस 0547, -310 बेडस् पाईप्ड ऑक्सीजन, 237 बेडस् सिलेंडर ऑक्सीजन, आईसीयू बेडस 5,17 वेंटिलेटर्स, 9,19, 5 नए वेंटीलेटर्स खरीदने का आदेश। एक सप्ताह में आने की संभावना। हाई डिपेन्डेंसी यूनिट (एचडीयू) बेडस,025 (नई सुविधा, सी-पैप मशीनें 0, 20 (नई सुविधा), बाई-पैप मशीनें 0, 10 (नई सुविधा। बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता के कुशल नेतृत्व व निर्देशों तथा कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ एस के इस्सर तथा सीएमओ द्वय डॉ प्रमोद बिनायके व डॉ रविन्द्रनाथ के मार्गदर्शन तथा डॉ ए डी बैनर्जी, डॉ त्रिनाथ दास, डॉ सोनाली त्रिवेदी के देखरेख में कोविड के इलाज हेतु बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) राकेश तथा कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री एस के दुबे की टीम ने संसाधन जुटाने में अहम भूमिका अदा की है। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए अपने मेडिकल टीम के माध्यम से संयंत्र प्रबंधन ने अपने कार्मिकों व अधिकारियों हेतु सुविधाओं में निरन्तर वृद्धि कर रही है। मेडिकल बिरादरी के समर्पण को बीएसपी प्रमुख ने किया सेल्यूट भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने मेडिकल बिरादरी की प्रशंसा करते हुए कहते है कि आज हमारे चिकित्सक व मेडीकल बिरादरी अपनी जान को जोखिम में डालकर दिन-रात सेवा में लगे हुए हैं। मैं उनके हौसले और समर्पण को सेल्यूट करता हूँ। आइये इस संकट की घड़ी में हम सब मिलकर प्रयास करें। मुझे विश्वास है कि सभी के सहयोग, संयम और समर्पण से ही हम इस स्थिति पर नियंत्रण कर सकेंगे। इलाज व बचाव के हमारे प्रयासों को आप मास्क लगाकर, नियमित साबुन से हाथ धोकर तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर, मजबूती प्रदान करें।