छ.ग. के भाजी से भागेगा कोरोना,जानिए भाजी के औषधीय गुण, इस जिले में कलेक्टर ने भाजी खिलाने दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ :- छत्तीसगढ़ के भाजी में अनेकों औषधीय गुण भाजी के सेवन से बढ़ेगा इम्यून सिस्टम, नहीं होगा कोरोना, इस जिले के कलेक्टर भाजी के उपयोग एवं खेती हेतु कर रहे प्रोत्साहित
छत्तीसगढ़ के भाजी की जानकारी बताएँगे। क्या आप लोगो को पता है भाजी में सबसे ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की भरपूर शक्ति होती है। वर्तमान में कोरोना संकट काल में कोरोना के संदेही मरीजों एवं आम नागरिको को अधिक से अधिक भाजी सेवन करने के सलाह जिला कलेक्टर मुंगेली द्वारा दिया जा रहा है। तथा क्वारंटीन केंद्र में स्थित प्रवासी मजदूरों को एक टाइम भाजी भात खिलाने के निर्देश दिए है।
कोरोना को वही व्यक्ति बिना दवाई के हरा सकता है जिनकी इम्यून सिस्टम काफी मजबूत हो। तथा ऐसे व्यक्तियों को कोरोना से कम खतरा हो सकती है। हमारे छत्तीसगढ़ में अनेको प्रकार के स्वादिस्ट भाजी पाया जाता है जिसको नियमित रूप से सेवन कर आप अपनी इम्यून सिस्टम मजबूत कर सकते है। ग्रामीण क्षेत्रो में भाजी को बड़ी चाव से खाया जाता है लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसका उपयोग ज्यादा नहीं होता।
गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ के एक शोध से पता चला है कि छत्तीसगढ़ में मिलने वाली भथुआ, पोई, चरोटा, चेंच, चौलाई, मुनगा,कोचई पत्ता, कुसुम, सुनसुनिया, राजगीर सहित विभिन्न भाजी में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट सहित विभिन्न पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में
पायी जाती है। इन भाजी में औषधीय गुण भी पाया जाता है। अतः इनके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यही कारण है की अब अधिकारी भी कोरोना को हराने अधिक से अधिक भाजी के उपयोग पर जोर दे रहे है।
पीएस एल्मा जिला कलेक्टर मुंगेली के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जानी वाली भाजी में कई तरह के औषधीय गुण होते है। कुछ में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की भरपूर शक्ति होती है। इन भाजियों को क्वारंटाइन में रह रहे मजदूरों को खिलाने से उनमे रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। इसके अलावा भाजी ग्रामीण क्षेत्रो में सरल , सहज एवं सस्ती रूप से उपलब्ध हो जाती है। यही कारण है कि क्वारंटाइन में रह रहे ग्रामीणों को कम से कम एक वक्त भाजी भात खिलाने निर्देशित किये है।
कलेक्टर कर रहे प्रोत्साहित लगाएंगे विलुप्त भाजी – कोरोना जैसे महामारी बीमारी से लड़ने में सक्षम भाजी के औषधीय गुण के कारण जिला कलेक्टर मुंगेली पीएस एल्मा द्वारा अब लोगो को अपने बाड़ी में भाजी की खेती करने हेतु प्रोत्साहित कर रहे है। इस योजना की पुरे प्रदेश में खासी चर्चा है तथा इस योजना की लोग काफी सराहना कर रहे है। जिला कलेक्टर से प्राप्त जानकारी अनुसार अभी क्वारंटाइन केंद्र में तो भाजी खिला रहे है लेकिन आगे अपने बाड़ी या खेत में भाजी की खेती हेतु प्रोत्साहित भी कर रहे है ताकि आगे भी पौष्टिक आहार नियमित मिलती रहे।
जानिए भाजी की औषधीय गुण एवं प्राकृतिक वेल्यू प्रतिशत में –
1. चेंच भाजी –
नमी – 80.32
फाइबर – 17.46
वसा – 3.54
प्रोटीन – 8.7
कार्बोहाइड्रेट- 65.04
2. करमता भाजी –
नमी – 88.52
फाइबर – 20.08
वसा – 9.01
प्रोटीन – 17.84
कार्बोहाइड्रेट- 35.34
3. भथुआ भाजी –
नमी – 81.01
फाइबर – 11.00
वसा – 4.00
प्रोटीन – 12.34
कार्बोहाइड्रेट- 51.04
4. चौलाई भाजी –
नमी – 80.17
फाइबर – 11.66
वसा – 9.00
प्रोटीन – 7.95
कार्बोहाइड्रेट- 67.78
5. कुसुम भाजी –
नमी – 93.45
फाइबर – 6.70
वसा – 6.00
प्रोटीन – 14.07
कार्बोहाइड्रेट- 61.71
6. पोई भाजी –
नमी – 92.27
फाइबर – 9.01
वसा – 11.34
प्रोटीन – 7.8
कार्बोहाइड्रेट- 69.59
7. चरोटा भाजी –
नमी – 78.03
फाइबर – 15.26
वसा – 6.3
प्रोटीन – 5.57
कार्बोहाइड्रेट- 64.83
8 कोचई पत्ता –
नमी – 90.00
फाइबर – 9.43
वसा – 30.02
प्रोटीन – 3.23
कार्बोहाइड्रेट- 57.04
9. सुनसुनिया/चुनचुनिया –
नमी – 84.97
फाइबर – 28.59
वसा – 15.5
प्रोटीन – 7.24
कार्बोहाइड्रेट- 41.09
10. राजगीर भाजी –
नमी – 81.6
फाइबर – 15.26
वसा – 11.00
प्रोटीन – 6.36
कार्बोहाइड्रेट- 61.03
11. मुनगा भाजी –
नमी – 78.66
फाइबर – 2.0
वसा – 1.40
प्रोटीन – 9.40
कार्बोहाइड्रेट – 8.28