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*पिछली बार की तरह मस्जिदों के बजाय अपने घरों में कर रहे रोजे की इफ्तारी*

*बेमेतरा:-* मुस्लिम समुदाय का सबसे मुबारक महीना माहे-रमजान प्रारम्भ हो चुका है और इस मुबारक रमजान के महीने में ज़िले के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों व ग्रामों में मुस्लिम भाई नमाज, तिलावत, रोजा, तराबीह की नमाज आदि में दिलोजान से लगकर रमजान के पाक महीने को नेक काम का महीना बना लिए है।जिस पर विश्वव्यापी कोरोना महामारी की काली छांया पड़ने से ज़िलेभर के मुसलमान समाज मे पहले जैसी रौनक नही दिख रही है।क्योंकि पहले सभी नमाजी बराबर पांच वक़्त मस्जिद में नमाज अदा करते थे।दिनभर रोजा रखने के बाद शाम को मग़रीब की नमाज के पहले रोजा-इफ्तार के वक़्त हर मुसलमान के घरों से रोजेदार के लिए विभिन्न पकवान मस्जिद पहुंचता था।लेकिन पिछले बार की तरह इस बार भी कोरोना संकट व लॉकडाउन के चलते अब सभी रोजेदार अपने घरों में ही दो-चार परिवार के सदस्यों के साथ ही रोजा इफ्तार करते नज़र आ रहे है, तो वही कोरोना संकट के बावजूद ज़िलेभर के मुसलमानों में रोजे रहने के मामले सबसे ज्यादा बच्चो में दीवानगी देखने को मिल रही है।हर घर के छोटे-छोटे पांच, छह वर्ष के बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी रोजे रहकर इस्लाम के लिए इबादत और तिलावत में मशगूल नज़र आ रहे है।रोजे के इस पाक मुकद्दस मौके पर सबसे बेहतरीन तस्वीर तब नज़र आती है।जब ये कम उम्र के बच्चे दिनभर बिना पानी के यक़ीदत के साथ रोजे रहकर इफ्तार करने के लिए विभिन्न पकवान व मिठाइयों के साथ दस्तरख्वान में रखकर एक साथ इफ्तार करने बैठते है, तो वो नज़ारा अल्लाह की नेमतों से जन्नती नज़र आने लगता है और ये नज़ारा इस बार लगभग घर मे पिछली बार की तरह नज़र आने लगा है।क्योंकि लॉकडाउन की स्थिति में सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए मस्जिद में भीड़ नही लगाने के चलते ज़िलेभर के मुस्लिम जमात व समुदाय के लोग अपने अपने घरों में ही रोजा इफ्तार कर रहे है औऱ तराबीह की नमाज घरो में ही अदा कर पढ़ रहे है।जिसमे ज़िले के मुख्यालय एवं नगर पालिका बेमेतरा के साथ नगर थानखम्हरिया, नवागढ़, देवकर, दाढ़ी, परपोड़ी, नांदघाट, मारो व ग्राम मोहगांव-बासीन, सरदा, कुसमी, भिम्भौरी, कोंगियाकला, बोरतरा, कोदवा, रांका-कठिया इत्यादि मुस्लिम रहवासी क्षेत्र में रमजान की अलग ही रौनक नज़र आ रहा है।

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