फसल को नहीं मिला परिवहन पास हरी सब्जी खेत और बाड़ी में तैयार फसल को नहीं मिला परिवहन के लिए हरी सब्जी खेत और बाड़ी में तैयार है
फसल को नहीं मिला परिवहन पास हरी सब्जी खेत और बाड़ी में तैयार
जांजगीर चांपा किसानों को लाखों का नुकसान जिले में करीब 6 महीने सब्जियों की बहार रहती है जिस दौरान जिले में सब्जियों के अन्य प्रदेश में किसान बेचकर मुनाफा कमाते हैं लेकिन इस बार के सख्त लॉकडाउन के कारण वर्तमान में खेतवा बाड़ी में तैयार सड़कर के फसल सरकर नष्ट हो रहे हैं प्रशासन ने अब तक किसानों को सब्जी परिवहन न करने ई पास जारी नहीं किया है इससे बड़े किसानों को अब लाखों रुपयों की चपत लग चुकी है छोटे सब्जी व फल उत्पादक किसान भी बड़े नुकसान झेल रहे हैं कोरोना के चलते प्रशासन को सख्त लॉकडाउन लगाना पड़ा है जिसका प्रभाव किसानों पर सीधे पड़ रही है और उनकी तैयार सब्जी की फसल खेतों में ही सड़कर नष्ट हो रही है सब्जी फसल को परिवहन कर किसान जिला मुख्यालय व अन्य प्रमुख नगरों के साथ दूसरे प्रदेशों में भेजते हैं लेकिन ठीक सब्जी की फसल तैयार हुई कि लॉकडाउन लगाना पड़ा है इसके कारण सभी तरह के आवागमन बंद कर दिए गए हैं जिससे किसानों को भी सब्जी की फसल बाहर भेजने ही ई पास नहीं जारी किया जा रहा है इस संबंध में क्षेत्र के किसान बताते हैं कि इस सीजन में टमाटर, भाटा, बरबटी, लौकी, मखना भिंडी सहित विभिन्न तरह की भाजियों ही डिमांड रहती है जिसको देखते हुए बड़े पैमाने पर इन सब्जियों की खेती की गई है इन समय पर लॉकडाउन के चलते सब्जियों को बाहर भेजना बंद कर दिया गया है जिससे फसल खेतों में ही सड़ रहे हैं इसके चलते किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है इस संबंध में कई किसान सब्जी फसल बाहर भेजने ईपास का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक पास जारी नहीं होने के कारण वे अपनी आंखों के सामने फसल नष्ट होते देखने मजबूर हैं सब्जियों का यही मौसम होता है किसान अपनी पैदावार बेचते हैं और लोगों को हरी ताजी सब्जियां एवं खीरा ककड़ी बंगला तरबूज बेचते हैं और वर्षा भर की रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं कोरोना वाला डाउन की मार किसानों पर ऐसा पड़ी है कि अपने मेहनत की कमाई का मुनाफा कमाने के सबसे अच्छे महीने में यह तंगी की मार झेल रहे हैं। वही कापन मुड़पार के किसान कुलदीप पटेल ने बताया हमारे गांव में मुख्य रूप से सभी किसान सब्जी बारी की धंधा करते हैं इस वर्ष लॉकडाउन के चलते हमारी सब्जी बाड़ी में ही सड़ रही है हमें भारी नुकसान की सामना करनी पड़ रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।