समारू कोरोना के साथ थायराइड की बीमारी का था शिकार, अस्पताल में भर्ती होने पर आक्सीजन लेवल 80,
चौदह दिन बाद जीत ली कोविड की जंगज् एक दिन में 3672 हुए स्वस्थ्य
भिलाई / जिले में कल 3672 मरीज कोरोना से रिकवर हो गए। यह बहुत बड़ी संख्या है जो उम्मीद जगाती है कि कोरोना से मुकाबला किया जा सकता है। इनमें से कुछ मरीजों की कहानी बड़ी विलक्षण रही होगी जिन्होंने अस्पताल प्रबंधन की मेहनत और अपने हौसले से कोविड की जंग जीत ली। दुर्ग का रहने वाला समारू इनमें से ही एक है। 45 वर्ष का समारू जब शंकराचार्य हास्पिटल में लाया गया तब उसकी स्थिति काफी खराब थी आक्सीजन लेवल 80 तक चला गया था। दिक्कत यह थी कि समारू के साथ कोमार्बिडिटी भी जुड़ी थी। थायराइड की समस्या थी। इस मुश्किल मामले में डाक्टरों ने कड़ी मेहनत की और आज समारू डिस्चार्ज हो गया। शंकराचार्य कोविड हास्पिटल की मेडिकल प्रभारी डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि आज समारू 14 दिन बाद स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुआ है। उसे देखकर बहुत अच्छा लगा, कोरोना में चिकित्सकीय परामर्श के साथ मन भी मजबूत रखें। बड़ी संख्या में लोग रिकवर हो रहे हैं। समारू ही नहीं, शंकराचार्य हास्पिटल में ऐसे कई मामले आए हैं जिसमें अधिक आयु और कोमार्बिडिटी भी बाधा नहीं रही। इस अप्रैल के पहले दिन एक ऐसे पेशेंट को डिस्चार्ज किया गया जिनकी आयु 91 साल की थी, इन्हें डायबिटीज और बीपी दोनों की समस्या थी। सैंपल देते वक्त सही नंबर दें ट्रैसिंग टीम को समारू की रिकवरी काफी पहले हो गई होती यदि समारू ने समय पर दवा ले ली होती। बहुत से लोग अब भी सैंपल देने में देर कर रहे हैं। इसके कारण दवा लेने में विलंब हो जाता है जिसकी वजह से समस्या बढ़ जाती है। कभी-कभी कुछ लोग सैंपल देते वक्त गलत नंबर ट्रेसिंग टीम को दे देते हैं जिसकी वजह से उन्हें ट्रेस करने में दिक्कत होती है और ऐसे लोग दवा नहीं लेने की वजह से गंभीर संकट का शिकार हो जाते हैं। सैंपल के साथ ही होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से काउंसिलिंग के लिए आने वाले फोन पर दिये गये सुझावों का जरूर पालन करें। दवाएं समय पर खाएं। आक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल की जाँच कराएं, 93 से लेवल कम आये तो अपने होम आइसोलेशन काउंसलर को बताएं ताकि हास्पिटल में भर्ती किये जाने संबंधी कार्रवाई की जा सके। रखना है हौसला, यह सबसे बड़ी ताकत कोविड पीडि़त मरीज यदि समय पर जाँच करा लेते हैं दवा शुरू कर देते हैं होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम द्वारा बताये गए सुझावों का पालन करते हैं और सकारात्मक सोच के साथ दिन बिताते हैं तो वे इस बीमारी को बहुत आसानी से पराजित कर सकते हैं। दुर्ग जिले से आ रही इतनी सारी रिकवरी की खबरें इस संबंध में आश्वस्त करती हैं ।