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चार पुलिसवालों की कोरोना से मौत के बाद भी जान की बिना परवाह किये पुलिस वाले मुस्तैदी से निभा रहे है अपना फर्ज

जान की परवाह किए बिना पुलिस वाले मुस्तैदी से निभा रहे फर्ज
एएसपी से आरक्षक स्तर के 357 को झेलना पड़ा संक्रमण का दंश
दुर्ग / जिले में अब तक हो चुकी है चार खाकी वर्दीधारियों की मौत
भिलाई ।  दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार से बने विपरीत हालातों के बावजूद एसपी प्रशांत ठाकुर के नेतृत्व में पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों में फर्ज निभाने के प्रति जज्बा अटूट बना हुआ है जबकि खाकी वर्दी वाले पुलिस के अधिकारी और जवान अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना काल में अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऐसा करते अब तक चार पुलिस वालों को कोरोना योद्धा के रूप में वीरगति प्राप्त हो चुकी है। एएसपी से आरक्षक स्तर के 357 खाकी वर्दी धारी अब तक कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।
हांलाकि कोरोना योद्धा बनकर लोगों की सेवा करते हुए अब तक चार पुलिस वालों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके पुलिस महकमें में कोरोना को हराने के जज्बे में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है। अब तक 357 पुलिस वाले दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण का दंश झेल चुके हैं। अभी भी कईं पुलिस कर्मचारी कोरोना का शिकार होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं या फिर होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे हैं। कोरोना के पहले लहर के दौरान जिले में पदस्थ रहे एएसपी रोहित कुमार झा सहित 245 पुलिस वाले संक्रमण का शिकार हुए थे। जबकि मार्च 2021 के बाद तेज हुई दूसरी लहर में अब तक 112 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इस तरह कोरोना योद्धा बनकर आम जनता को इस महामारी से बचाने की कोशिश में लगे 357 खाकी वर्दी वाले अब तक संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण का शिकार होकर साल भर के अंदर दुर्ग जिले में चार पुलिस वालों ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया है। इसमें उप निरीक्षक इंदु राम साहू, सहायक उप निरीक्षक प्रकाश दास और प्रधान आरक्षकद्वय फूलचंद भुआर्य व भगवान दास पटेल शामिल हैं। इनमें से सहायक उप निरीक्षक प्रकाश दास वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बाद संक्रमित हो गए थे। अपने चार साथियों के कोरोना से मौत के बाद भी पुलिस वाले लोगों को इसके कहर से बचाने मुस्तैदी के साथ मैदान में डटे हुए हैं। गौरतलब रहे कि प्रदेश में राजधानी रायपुर के बाद दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू सी बनी हुई है। प्रतिदिन 1500 से 2000 के बीच नए संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। इससे होने वाली प्रतिदिन के मौत का आंकड़ा भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसके चलते सभी वर्गों में डर और भय का माहौल बना हुआ है। बावजूद इसके पुलिस के अधिकारी और जवान बिना किसी अवकाश के लोगों को संक्रमण से बचाने घर से बाहर रहकर फर्ज निभा रहे हैं। निभा रहे कोरोना योद्धा की भूमिका दुर्ग जिले में 6 अप्रैल से कोरोना का चेन तोडऩे के इरादे से संपूर्ण लॉकडाउन जारी है। इस दौरान पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी सुबह-शाम शहर की सड़कों पर कोरोना योद्धा बनकर फ्लैग मार्च निकालकर लोगों को बाहर निकलने से आगाह कर रहे हैं। सभी थानों का स्टाफ  अपने-अपने इलाके में लोगों से कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहा है। ज्यादातर नागरिकों ने संक्रमण से बचने अपने आपको घरों में कैद कर लिया है और सरकार के कईं विभागों में कामकाज बंद है। ऐसे हालात में पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान को दांव में लगाकर कोरोना योद्धा के रूप में फर्ज निभा रहे हैं।
ट्रेफिक महकमा के लोग भी हो चुके है संक्रमित कोरोना काल में पुलिस का ट्रेफिक महकमा भी सक्रियता के साथ अपना फर्ज निभा रहा है। लॉकडाउन के दौरान फोरलेन सहित भिलाई-दुर्ग के सभी सड़कों पर ट्रेफिक पुलिस के अधिकारी और जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। बिना किसी ठोस कारण के बाहर घूमने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालानी कार्यवाही करने के साथ ट्रेफिक पुलिस लोगों से कोरोना से बचने मास्क पहनने की भी अपील कर रही है। ऐसा करते हुए ट्रेफिक महकमें के कईं अधिकारी और जवान भी संक्रमित हो चुके हैं। बावजूद इसके कोरोना को हराने ट्रेफिक पुलिस जिले में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके की सड़कों पर भी सतत सक्रियता बनाये हुए है।

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