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रूस: दुनिया की सबसे गहरी झील में घोस्ट पार्टिकल की खोज करेगा टेलिस्कोप

हिग्स बोसोन खोजे जाने के बाद अब वैज्ञानिक अंतरिक्ष से आए घोस्ट पार्टिकल की तलाश में जुटे हैं। इसके लिए रूस के साइबेरिया स्थित दुनिया की सबसे गहरी झील बाइकाल में एक विशाल टेलिस्कोप लगाया गया है। यह टेलिस्कोप झील में एक मील की गहराई में स्थापित किया गया है।हिग्स बोसोन के बाद मायावी कण न्यूट्रिनो को खाेजने-देखने की कवायद शुरू 

 

 


घोस्ट पार्टिकल को वैज्ञानिक ब्रह्माण्ड का सबसे मायावी कण कहते हैं, क्योंकि इन्हें खोजना और देखना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। इन अतिसूक्ष्म कणों को न्यूट्रिनो कहते हैं। खाेजकर्ताओं के मुताबिक, इनका भार नगण्य होता है और इन पर कोई चार्ज भी नहीं होता है। आज ब्रह्माण्ड में मौजूद ज्यादातर न्यूट्रिनो कणों का निर्माण बिग बैंग (ब्रह्मांड के जन्म) के दौरान हुआ था। इसलिए टेलिस्कोप के जरिए इन कणों के अध्ययन से वैज्ञानिक यह जानने में सक्षम होंगे कि आज ब्रह्माण्ड ऐसा क्यों दिखता है और डार्क मैटर जैसी रहस्यमय ताकतों के भी इससे सुराग मिलेंगे।

  • ब्रह्माण्ड में सबसे ज्यादा मात्रा में पाया जाने वाला कण है
  • हमारे शरीर से हर सेकंड 100 खरब न्यूट्रिनो कण गुजर जाते हैं
  • पता लगाना मुश्किल, क्योंकि अवशोषित किए बिना पदार्थ से गुजरते हैं
  • न्यूट्रिनो चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित नहीं
  • ये प्रकाश की रफ्तार से सफर करते हैं
खोज के लिए यह झील आदर्श : बाइकाल झील न्यूट्रिनो का निरीक्षण करने के लिए एक आदर्श जगह है। जब न्यूट्रिनो पानी में गति करते हैं, तो वे चेरनकोव विकिरण के रूप में जाने वाली ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं, जो प्रकाश पैदा करती है। इसकी गहराई और साफ पानी प्रकाश के इन झटकों का अवलोकन करने की उनकी क्षमता को आंकने का अधिकतम अवसर देत हैं।सबसे विशाल न्यूट्रिनो टेलिस्कोप
झील में लगा बाइकाल गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर टेलिस्कोप उत्तरी गोलार्द्ध में लगा सबसे विशाल न्यूट्रिनो टेलिस्कोप है। यह टेलिस्कोप झील में 0.4 और 0.8 मील (700 से 1300 मीटर के बीच) की गहराई के बीच लगा हुआ है। यह एक मील के दसवें हिस्से के बराबर चौड़ा, लंबा और ऊंचा है2015 से हो रहा प्रोजेक्ट पर काम
झील में लगे इस डिटेक्टर का निर्माण 2015 में शुरू हो गया था। इस टेलिस्कोप की कीमत 3.4 करोड़ डॉलर है और चेक रिपब्लिक, जर्मनी, पोलैंड, रूस और स्लोवाकिया इस पर मिलकर काम कर रहे हैं।

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