भगवान भाव में है

।। भगवान भाव में है ।।
।। सुश्री विद्या दुबे जी ।।
।। कुंडा न्यूज ।।
नौ दिवसीय अखंड नवधा रामायण के 12 वर्ष के पंचम दिवस में विजया एकादशी के पावन पर्व पर ग्राम हथमुड़ी में महाशिवरात्रि मेला प्रांगण स्थल में उत्तर प्रदेश स्थित कामदगिरि चित्रकूट धाम से श्री रामानंदाचार्य जी की कृपा पात्र शिष्या छत्तीसगढ़ महतारी के कबीरधाम जिला की सुपुत्री श्री रामकथा प्रवाचिका ने नवधा रामायण के पंचम दिवस में मानस प्रवचन में कहीं की
भगवान भाव में है भगवान न तृण में है, न फूल में है, न पत्ते में हैं, न मूर्ति में है, ना मंदिर में, भगवान कहीं भी नहीं रहते हुए भी सर्वत्र विद्यमान हैं। वह केवल और केवल भाव में ही समाहित है ।
उन्होंने अपने प्रवचन में कहा
।। भाव बिना बाजार में वस्तु बिके, न हीं मोल ।।
।। भाव सहित हरि को भजो, भाव सहित हरि बोल ।।
अर्थात जब हमको हाट बाजार में बिना भाव के कुछ ही काल में सड़ गल जाने वाली नश्वर चीज नहीं मिल सकता, तो हमें जन्म-जन्मांत्रो के पाप से मुक्ति दिलाने वाले, जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाने वाले भगवान बिना भाव के नहीं मिल सकते। बाल विदुषी सुश्री विद्या दुबे जी मानस प्रवचिका चित्रकूट के साथ ही साथ श्री राजीव लोचन दास जी चित्रकूट प्रमुख द्वार जगद्गुरु रामानंदाचार्य, श्री लक्ष्मी देवी शास्त्री वृंदावन धाम, श्री वैदेही अनुरागी जी वृंदावन धाम व कानपुर से पधारे हुए थे।
यह आयोजन श्री हरि कृष्णसखा यादव मानस मंडली एवं समस्त ग्रामवासी हथमुड़ी के द्वारा किया गया, जिसमें सरपंच प्रतिनिधि बालमुकुंद चंद्रवंशी के द्वारा एक दिवसीय बाल विदुषी मानस प्रवाचिका को ससम्मान आमंत्रण दिया गया ।
पंचम दिवस के रूप में श्रीरामचरितमानस कथा श्रवणकर्ता बालमुकुंद चंद्रवंशी, सुखदेव चंद्रवंशी, इंदल चंद्रवंशी, सुशील चंद्रवंशी, यशवंत चंद्राकर, श्रीमती गायत्री देवी चंद्रवंशी सरपंच, श्रीमती माया देवी चंद्रसेन, श्रीमती संध्या देवी चंद्रवंशी, श्रीमती सरस्वती यादव, श्रीमती राधिका देवी चंद्रवंशी, श्रीमती मीना देवी चंद्रवंशी के साथ ही साथ समस्त ग्रामवासी हथमुड़ी उपस्थित रहकर श्री रामचरितमानस कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य बनाएं ।।