कोंडागांव: साहित्यकर सुरेन्द्र रावल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक विमोचित

लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी साहित्य समारोह का आयोजन
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी साहित्य समारोह
कोंडागांव। लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी समारोह अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस दिनाँक 21/2/2021 रविवार को दोपहर 1 बजे शा बा उ मा विद्यालय कोंडागांव में लाला जगदलपुरी स्मृति साहित्य संस्कृति एवं शोध संस्थान और हिंदी साहित्य भारती जिला इकाई कोंडागांव के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र रावल के व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम एवं बसंत ऋतु के आगमन पर सरस् काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार सुरेंद्र रावल थे, विशेष आमंत्रित अतिथि संस्कृति एवं शोध संस्थान जगदलपुर के अध्यक्ष मदन आचार्य व पुस्तक की लेखिका मधु तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि प्राचार्य नरेन्द्र कुमार नायक थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकप्रिय कहानीकार श्रीकृष्ण शुक्ल ने की व कार्यक्रम का सफल संचालन आर के जैन ने किया।
सर्वप्रथम आमंत्रित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती एवं साहित्य ऋषि लाला जगदलपुरी के छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। वंदना गीत अपनी सुमधुर आवाज़ में गुणरस पिया फाउंडेशन रायपुर की प्रज्ञा त्रिवेदी ने प्रस्तुत किया।लाला जगदलपुरी रचित गीत को आकाशवाणी जगदलपुर के गायक भरत गंगादित्य ने गाकर सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया। बाँसुरी पर खेम वैष्णव, तबले पर राजेन्द्र राव, हारमोनियम पर तुलसी ने साथ दिया। ततपश्चात आमंत्रित अतिथियों द्वारा मधु तिवारी की लिखी पुस्तक समर्थ साहित्यकार एवं कलाकार सुरेंद्र रावल का विमोचन किया गया।
स्वागत उद्धबोधन हिंदी साहित्य भारती के जिला अध्यक्ष उमेश मंडावी ने बस्तर के साहित्यकारों के जीवन पर लिखी जा रही पुस्तको की श्रंखला को ऐतिहासिक बताया तथा कार्यक्रम की प्रशंसा की। लाला जगदलपुरी स्मृति साहित्य संस्कृति एवं शोध संस्थान जगदलपुर कर सचिव विक्रम सोनी ने संस्थान के कार्यो पर प्रकाश डालते हुए होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। साहित्यकार सुरेन्द्र रावल पर लिखी पुस्तक पर लेखिका मधु तिवारी ने लेखन के दौरान हुए अपने अनुभव साझा किए। साहित्यकार उर्मिला आचार्य ने सुरेंद्र रावल के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अनुभवों को बताया। सुरेन्द्र रावल के छात्र रहे शिवलाल शर्मा ने भी अपने अनुभव साझा किये। साहित्यकार मदन आचार्य ने सुरेंद्र रावल के साथ बिताए पुराने समय को याद कर अपने संस्मरण सुनाए। अध्यक्षता कर रहे श्रीकृष्ण शुक्ल ने भी पुस्तक पर अपने विचार रखे तथा अपने अनुभव सुनाए। यह अनोखा सयोंग ही था की लेखिका व पुस्तक के मुख्य किरदार एक ही मंच पर मौजूद थे। मुख्य अतिथि सुरेन्द रावल ने कोंडागाँव को अपनी कर्मभूमि बताते हुए आत्मिक लगाव की बात कही।कोंडागाँव को साहित्य कला संस्कृति की उर्वर धरती बताते हुए लेखिका मधु द्वारा अपने ऊपर लिखी पुस्तक को अमूल्य निधि बताया। लोकप्रिय लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के द्वितीय भाग में संक्षिप्त काव्य गोष्ठी हुई जिसका संचालन उमेश मंडावी ने किया। काव्य पाठ हेतु सर्वप्रथम कांकेर के सुरेश चंद्र श्रीवास्तव मंच पर आये उन्होंने अपनी समसामयिक नई कविता से सबको प्रभावित किया। तत्पश्चात कांकेर के शिव सिंह भदौरिया ने अपनी कविता सुनाइ। सुविख्यात ज्योतिष एवं कवियित्री डॉक्टर गीता शर्मा ने अपनी कविताओं से वह वाही बटोरी। केशकाल की कवियित्री रश्मि विपिन अग्निहोत्री ने अपनी कविताओं से सबको मन्त्र मुग्थ किया। जगदलपुर से आये अवध किशोर शर्मा ने वर्तमान में कविताओं की दुर्दशा पर कटाक्ष करती अपनी बेहतरीन रचना सुनाकर सबको सोचने पर विवश किया। जगदलपुर की लोकप्रिय साहित्यकार उर्मिला आचार्य ने अपनी मार्मिक कविता से सबका दिल जीत लिया। जगदलपुर की पूर्णिमा सरोज ने भी अपनी कविता से सबको प्रभावित किया, जगदलपुर की अंजलि तिवारी ने वर्तमान परिस्थितियों पर अपनी कविता सुनाई, जगदलपुर के ही नरेंद्र यादव ने सपनी कविता का सस्वर वाचन कर प्रशंसा पाई। नारायणपुर के लोकप्रिय साहित्यकार शिव कुमार पांडे ने अपने हल्बी गीत से समा बांध दिया और तालिया बटोरी। रायपुर की प्रज्ञा त्रिवेदी ने अपनी कविता से सबको मन्त्र मुग्ध किया। उत्तम नाइक ने हल्बी कविता अपने चिर परिचित अंदाज़ में सुनाई।
अंत मे मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र रावल ने अपनी लोकप्रिय कविता सुनाकर सबका दिल जीत लिया। कांकेर से आई डॉ गीता शर्मा के सूर्या पंचांग का भी लोकार्पण इस अवसर पर किया गया। आभार प्रदर्शन हिंदी साहितय भारती के महामंत्री बृजेश तिवारी ने किया। इस अवसर पर जनजातीय चेतना कला संस्कृति व साहित्य की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ककसाड़ के संपादक डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी, बस्तर पुरात्व संस्थान के अध्यक्ष घनश्याम नाग, सचिव लोकेश गायकवाड़, राजेश पांडे,अनूप विश्वास, स्वप्न बोस, मनोहर सिंह सग्गू, महेश पांडे, हरेन्द्र यादव, यशवंत गौतम, विश्वनाथ देवांगन, पुरषोत्तम पोयाम, धर्मेन्द्र रावल, अशोक त्रिवेदी, हितेंद्र श्रीवास सहित नारायनपुर, कांकेर, जगदलपुर, रायपुर, कोंडागाँव जिले से अनेक साहित्यकारों ने शिरकत की।