छत्तीसगढ़

400 हितग्राही नए राशन कार्ड के लिए 5 महीने से काट रहे चक्कर, 400 beneficiaries have been traveling for 5 months for new ration card

राजनांदगांव से नीलकंठ की रिपोर्ट 

राजनांदगांव  /  नाम कटवाने, नए नाम जुड़वाने, तथा टुटी सुधार के लिए विभाग में कर्मचारी नहीं,,,,,,, शिव वर्मा राजनांदगांव  नगर निगम के पूर्व सभापति जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष शिव वर्मा ने कहा कि निगम में 400 हितग्राही नया राशन कार्ड के लिए 5 महीना से चक्कर काट रहे। नाम कटवाने, नाम जुड़वाने तथा टुटी सुधार के लिए विभाग में कर्मचारी नहीं उन्होंने कहा कि निगम प्रशासन एवं महापौर को जनता की मूलभूत समस्या पर कोई ध्यान नहीं है। निगम के अधिकारी अपने मूल काम छोड़कर फिजूल कार्य में लगे हुए हैं *। उन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। इसी कारण से जनता का निगम के प्रति विश्वास खत्म हो गए हैं। महीनों से निगम द्वारा जनता को टैक्स जमा करने, निराश्रित पेंशन शिविर के माध्यम से प्राप्त करना। स्वास्थ्य सुविधा आपके घर तक सुविधा देना इसी का स्पीकर से सूचना देना यही तक नगर निगम सीमित हो गई है इसके अलावा जनता की छोटी-छोटी समस्याओं पर निगम प्रशासन कर ध्यान बिल्कुल नहीं है इसी कारण है कि शहर की जनता राशन कार्ड के लिए 5 महीनों से निगम का चक्कर काट रहे हैं। उनको निगम के द्वारा सही जानकारी कोई बताने वाले भी नहीं है। वर्मा ने कहा कि इसी प्रकार शहर के सभी वार्डों से जिनकी उम्र 60 से ऊपर या विधवा परित्यक्ता होने के उपरांत निराश्रित पेंशन के लिए इस विभाग में तीन से चार सौलोगों ने पात्रता के अनुसार आवेदन दिए हैं यह लोग भी 4 महीने से निगम का चक्कर काट रहे। निराश्रित विभाग से जानकारी पूछने पर लोक सेवा केंद्र में ऑनलाइन नहीं होने के कारण पात्रता होने के बाद भी उन्हें इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं। निगम प्रशासन, एवं महापौर को कौन से विभाग में क्या कमी है आखिर जनता की समस्या का समाधान समय सीमा पर क्यों नहीं हो पा रहा है। यह जानने या विभाग से पूछने के लिए उनके पास सोच ही नहीं है। इसी कारण से धीरे* धीरे जनता का मोह निगम के प्रति विश्वास टूट चुका है। अंत मैं निगम प्रशासन से कहां की अति शीघ्र नए राशन कार्ड तथा नाम जोड़ना काटना टुटी सुधार के लिए। इस विभाग में कर्मचारी बढ़ाकर हितग्राही को नए राशन कार्ड उपलब्ध कराएं जिससे निगम के प्रति जनता के विश्वास बना रहे ।

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