हड़ताल में भाग लेने वाले बीएसपी कार्मिकों पर होगी कार्रवाई, Action will be taken against BSP personnel participating in the strike

भिलाई / 25 नवंबर कुछ श्रमिक संगठनों द्वारा 26 नवंबर को हड़ताल करने की सूचना दी गई है । श्रमिक संगठनों द्वारा भेजे गए ज्ञापन के अनुसार अधिकतर मांगे केन्द्र/राज्य सरकार की नीतियों और निगमित कार्यालय, सेल, नई दिल्ली से संबंधित है जिस पर भिलाई इस्पात संयंत्र स्तर पर निर्णय लेना संभव नहीं है । कार्यपालक निदेशक एस के दुबे ने कार्मिकों के नाम अपील जारी करते हुए कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र में औद्योगिक शांति एवं सौहार्द्र की दीर्घ और गौरवमयी परम्परा रही है । बीएसपी बिरादरी उत्पादन के चरम बिंदुओं तक पहुंचने के लिए संकल्पित हैं तथा इस हेतु सभी को हर संभव प्रयास करना होगा। इस आर्थिक संकट की घड़ी में हम सबका प्रयास उच्चतर उत्पादन उत्पादकता प्राप्त करना होना चाहिए । अतः हड़ताल का आव्हान संयंत्र एवं कार्मिकों के लिए अहितकारी होगा । यह ज्ञात हो कि क्षेत्रीय श्रमायुक्त (केन्द्रीय), रायपुर ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अन्तर्गत हड़ताल आव्हान के मुद्दों को कन्सिलीऐशन में सीज़ कर दिया है, चूँकि भारत सरकार ने लौह एवं इस्पात उद्योग को ‘लोक उपयोगी सेवा’ घोषित किया है, इसलिये औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के अनुसार सुलह कार्यवाही लम्बित होने के दौरान हड़ताल पर जाना अवैध है । संयंत्र प्रबंधन द्वारा यह सूचित किया गया है कि दिनाँंक 26 नवंबर, 2020 को कार्य से अनुपस्थिति को हड़ताल में भाग लेना माना जाएगा एवं ऐसी अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए वेतन कटौती के अतिरिक्त कम्पनी के स्थाई आदेशों (संयंत्र/खदान), एच.एस.एल. अनुशासन व अपील नियम एवं कम्पनी के अन्य लागू नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी । अतः संयंत्र प्रबंधन अपने सभी कार्मिकों से अपील करती है कि वे भिलाई की गौरवशाली कार्य परम्परा को बनाए रखें एवं दिनाँंक 26 नवंबर, 2020 को अपने कार्य पर उपस्थित होकर उच्चतर उत्पादन एवं उत्पादकता में अपना बहुमूल्य सहयोग देवें । इस संदर्भ में संयंत्र प्रबंधन ने नियमन-97/2020 परिपत्र भी जारी किया है। जिसके तहत कार्मिकों को सूचित किया जाता है कि वे प्रबंधन की बिना पूर्व लिखित अनुमति के कारखाने की सीमा के भीतर गैर कार्यालयीन बैठकों में भाग न लेवें एवं कम्पनी के वर्क्स एवं सम्पदा में पोस्टर आदि न चिपकाएं । साथ ही साथ हड़ताल के दिन कार्मिकों से अपील है कि किसी भी कार्मिक को संयंत्र के भीतर प्रवेश हेतु व्यवधान उत्पन्न करने या बलपूर्वक रोकने का प्रयास न क । इस तरह की घटना को अनुशासनहीनता माना जायेगा और नियमानुसार आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी । अतः सभी अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारियों को सूचित किया जाता है कि उनके अधीनस्थ कार्यरत कार्मिकों को दिनांँक 26 नवंबर, 2020 (केवल इस दिन) के लिए अवकाश स्वीकृत न किया जाए एवं यदि केवल उक्त दिवस के लिए पूर्व में ही अवकाश स्वीकृत किया जा चुका है तो उसे निरस्त किया जाए। यदि दिनाँंक 26 नवंबर, 2020 का अवकाश बाद में चिकित्सा आधार पर स्वीकृत किया जाता है तो उसे केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर ही स्वीकृत किया जाए न कि स्व-प्रमाणन के आधार पर ।