मेयर चुनाव को लेकर वोरा सहित जिले एवं प्रदेश के कद्दावर नेताओं का छुट रहा पसीना

रायपुर से दिल्ली तक चल रही दौड़
दुर्ग – लगभग 20 वर्ष के वनवास के बाद कांग्रेस पार्टी ने बड़ी पार्टी के रूप में अपना कब्ज़ा नगर निगम पर जमाया है, इसके कारण मेयर पद के दावेदारों में एक होड़ सी मची हुई है, वही शहर में रोज नए नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे है, इस बात को लेकर स्थानीय विधायक के दिल की धड़कने जहा बढ़ी हुई है वही प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री एवं जिले में निवासरत केबिनेट के अन्य मंत्रियों के घर पर भी मेयर पद के दावेदारों की दौड़ स्पष्ट रूप से देखी जा रही है और सभी कद्दावर नेता हो या मंत्री यह कहने से नहीं चुक रहे है की अप्रोच सभी का आ रहा है मगर जो भी निर्णय होगा वह सर्वसम्मति एवं सबकी पसंद को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा, जिसके कारण मेयर पद के प्रत्याशी इस प्रतिस्पर्धा में जी जान से जुटे हुए है ! कोई अपने आपको वोरा का पारिवारिक सदस्य बता रहा है तो कोई गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री का करीबी बता रहा है, जिसके कारण प्रतिस्पर्धा में रोज नए समीकरण बन रहे है ! मगर सच्चाई यह है की जितने भी मेयर पद के दावेदार है वो अपने अपने वार्डों से निश्चय ही जनता का आशीर्वाद लेकर पार्षद चुनाव जीत चुके है मगर जिस प्रकार से मेयर पद के प्रत्याशी अपने आला कमानों का गुणगान करते दिखाई दे रहे है उससे शहर की जनता में अजीब तरह की बेचैनी भी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है क्योकि एक अनार सौ बीमार वाली कहावत के कारण स्थानीय विधायक अरुण वोरा के बारे में कहा जाता है की जो भी निर्णय होगा वो बाबूजी से पूछकर बताएँगे इसके कारण मेयर पद के दावेदार को विश्वास नहीं होने के कारण वह ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ रहे है, जहा से वे पूर्ण रूप से आश्वासन ना मिल जाए, इसी जद्दोजहद में लगे हुए है इसके साथ ही शहर में यह चर्चा का विषय यह भी है की कांग्रेस पार्टी के अन्दर मेयर पद को लेकर ऊठ किस करवट बैठेगा यह अभी गर्भ में है ! वही राजनीती के जानकारों के मुताबिक पार्टी क्या निर्णय लेगी इसके लिए राजनितिक विशलेषक यह कहने लगे है की मेयर पद के प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री व गृहमंत्री का ही निर्णय सर्वोपरि होगा ! वही दूसरी ओर पार्टी पर्वेक्षक के रूप में पधारे धनेन्द्र साहू के इर्द गिर्द रहने वालो का कहना है की मेयर पद के लिए कोई छत्तीसगढ़िया प्रत्याशी चयन किया जाएगा, इस बात को मद्देनजर रखते हुए पार्टी के प्रति निष्ठा एवं अनुभव रखने वालों के दिलों की धड़कन बढ़ा रही है, जिसके कारण ऐसे बहुत से मेयर प्रत्याशी वोरा निवास पर सुबह शाम चक्कर लगाने के साथ साथ वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा के दिल्ली निवास पर भी पहुच गए है ! जिसके कारण राजनितिक समीकरण में कौन क्या कर बैठेगा इसकी भी चिंता जिले के कद्दावर मंत्री एवं नेताओं को होने लगी है, वही दूसरी ओर स्थानीय विधायक अरुण वोरा यह कहने से नहीं चुक रहे है की पार्षदों की राय और वरिष्ठों की सहमती से निर्णय लिया जाएगा, इसमें किसी एक की अनुशंसा का प्रश्न ही नहीं है ! प्रदेश आला कमान ने ओबजर्वर की नियुक्ति की है वे पार्षदों के साथ जिले के तमाम बड़े नेताओं से बात करेंगे और सर्वानुमति के आधार पर नाम की अनुशंसा करेंगे, वर्तमान में किसी के नाम पर चर्चा नहीं हुई है ! इसके अलावा मेयर पद की दावेदारी के लिए प्रतिदिन एक नया दावेदार सामने आ रहा है, बताया जा रहा है की ये दावेदार वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे है ! विधायक अरुण वोरा के निकट सूत्रों के अनुसार उनके पास अब तक करीब दर्जन भर से अधिक पार्षद सीधे तौर पर मेयर पद के लिए दावेदारी कर चुके है, इनमे अनुभवी के साथ नये चुनकर आये पार्षद भी शामिल है ! बहरहाल मेयर पद के प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया 6 जनवरी तक किया जाना है इस दरमियान अभी और कौन कौन से पार्षद दावेदारी करेंगे और कौन कितनी ताकत दिखायेगा यह अभी गर्भ में छिपा है, वही दूसरी ओर शहर में चर्चा है की जो विधायक अरुण वोरा का ख़ास होगा वो मेयर बनेगा या फिर अचानक ऐसे प्रत्याशी को सामने लाकर खड़ा कर दिया जाएगा साथ ही एक नये समीकरण के तहत निर्दलीय पार्षदों को भी साधने का प्रयास किया जाएगा, इससे जहा एक ओर शहर की सत्ता में अपना बहुमत सिद्ध करने में आसानी होगी और मेयर पद के लिए कोई चुनौती ना हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा, इन कयासों के चलते शहर की सरकार के मुखिया के चयन में बड़ी सावधानी एवं सतर्कता बरतते हुए सभी मेयर पद के दावेदारों पर भी निगरानी रखी जा रही है !