छत्तीसगढ़

मदिरालय अनलांक तो देवालय लांक क्यों गरीबों का बड़ा वर्ग पुजन सामाग्री बेचकर गुजारा करते है – पं राघवेन्द्र पाण्डेय Liquorice unlinked, so why is the Devaalaya Lank living in a large section of the poor by selling puja material – Pt. Raghavendra Pandey *

*मदिरालय अनलांक तो देवालय लांक क्यों गरीबों का बड़ा वर्ग पुजन सामाग्री बेचकर गुजारा करते है – पं राघवेन्द्र पाण्डेय*

कान्हा तिवारी जांजगीर ,
जांजगीर चाम्पा – समाजसेवी एवं धर्मविद् पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मदिरालय अनलांक है तो देवालय लांक क्यो है उन्होंने भुपेश सरकार से मंदिर मस्जिद चर्चा आदि को अनलांक करने का अनुरोध किया है श्री पाण्डेय ने कहा कि वैदिक परम्परा में प्रतिदिन ईश्वर के पुजा पाठ का विधान है हिंदु अपना प्रत्येक कार्य मंदिर मे मत्था टेकने के बाद ही शुरू करते है । कोविड 19 के कारण महीने भर से अधिक समय के बाद प्रदेश एक जून से अनलांक हो रहा है लोग श्रद्धा के साथ देवालयों में प्रार्थना करने के बाद अपना कार्य और व्यापार पुन: शुरू करना चाहते है एैसे में हिन्दुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुये देवालयओं को तत्काल अनलांक किया जाना चाहिए। श्री पाण्डेय ने कहा कि पुजारियों के अलावा मंदिरों की साफ सफाई में लगे मजदुरों की आजीविका भी मंदिर की चढ़ावे पर निर्भर करता है । इसके अलावा गरीबों का बड़ा वर्ग भी मंदिर के आसपास पुजन सामाग्री तथा फल फुल नारियल आदि बेचकर अपना और अपने परिवार का गुजारा करते है । अत: छत्तीसगढ़ के मंदिरों को भी अनलांक किया जाना चाहिए ।

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