Hanuman Jayanti 2025 : हनुमान जी के तिलक का विशेष महत्त्व होते हुए भी महिलाएं इसे माथे की बजाय गले पर क्यों लगाती हैं? जानिये इसके पीछे की वजह

Hanuman Jayanti 2025 : हनुमान जी, हिन्दुओं के आराध्य देवता हैं, अधिकतर स्थानों पर इन्हें भगवान शिव का अवतार बताया गया है । वे भगवान राम के परम भक्त और प्रिय हैं। हनुमान जी को ‘चिरंजीवी’ माना जाता है। हनुमान जी को शक्ति, भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा में तिलक का विशेष महत्व है, लेकिन महिलाएं आमतौर पर हनुमान जी का तिलक माथे की बजाय गले पर लगाती हैं। इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं और कारण छिपे हैं, जो इस परंपरा को विशेष बनाते हैं। आईए जानते हैं आखिर किस वजह से इस परंपरा का पालन किया जाता है।
Hanuman Jayanti 2025 : धार्मिक मान्यताएं
हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाने की धार्मिक मान्यता है कि इससे भक्तों को बजरंगबली की कृपा मिलती है, कष्ट दूर होते हैं और सभी तरह के भय से मुक्ति मिलती है जैसा कि आपने अक्सर देखा होगा कि महिलाएं हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए जाती हैं, लेकिन उनके चरणों को स्पर्श न करते हुए कटोरी में रखे सिंदूर से तिलक करती हैं।
Hanuman Jayanti 2025
यह तिलक भी माथे की जगह वह अपने कंठ पर लगाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है। इसलिए, महिलाएं उनकी पूजा में माथे पर तिलक नहीं लगाती हैं, क्योंकि ऐसा करने से उनके ब्रह्मचर्य का उल्लंघन माना जाता है।
Hanuman Jayanti 2025 : गले पर तिलक करने से मन शांत और ध्यान ईश्वर की ओर केंद्रित
हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी माना जाता है, इसलिए महिलाएं उनकी पूजा में माथे पर तिलक नहीं लगाती हैं, बल्कि गले में लगाती हैं | ऐसा माना जाता है कि इससे कंठ शांत रहता है, ध्यान ईश्वर की तरफ केंद्रित होता है और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है |
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