मंत्री लखमा के पुतले को लात और जूते, पीड़ितों से उनकी जाति पूछ कहा कहीं अन्यत्र बना ले अपना बसेरा

कोण्डागांव। कोण्डागांव जिले के तहसील व पुलिस थाना केशकाल क्षेत्रांतर्गत आने वाले ग्राम अरण्डी में निवासरत पांच गैर आदिवासी परिवार के सभी सदस्यों को घरों से बाहर निकालकर एवं सभी घरों को जेसीबी से तोड़ देने के मामले ने अब तुल पकड लिया है, क्योंकि उक्त घटना की खबर लगते ही 7 मार्च की देर शाम को ही पीडितों से मिलकर घटना की सच्चाई जानने व उन्हें सांत्वना देने पहुंचे मंत्री कवासी लखमा के द्वारा पीडितों से उनकी जाति पूछने के बाद यह कह देने पर कि वे अन्यत्र किसी जगह पर जमीन देखकर अपना घर बना लें, को सुनकर नाराज हुए पीडित परिवार के सदस्यों ने आक्रोषित होकर 8 मार्च को मंत्री कवासी लखमा के पुतले को बेहद अपमानित करते हुए लात, जूते ओर डंडे से पिटाई करते हुए उनके पुतले का दहन कर दिया।
तोडफोड व बेदखली की कार्यवाही में लिप्त 5 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वहीं पांच गैर आदिवासी परिवार के घरों को तोड दिए जाने के खबर मिलने के बाद 7 मार्च से ही मौके पर डटे रहकर पीडित परिवारों को सुरक्षा देने में पुलिस बल जुटी हुई नजर आई। सुरक्षा देने के साथ ही तोडफोड व बेदखली की कार्यवाही में लिप्त लोगों को भी पुलिस खोजती रही, जिसका ही सुखद परिणाम रहा कि घरों को तोडने में षामिल डेढ़-दो सौ लोगों में से पुलिस 5 लोगों को गिरफ्तार करने में सफल रही है, शेष लोगों की पतासाजी की जा रही है। यहां खास बात यह देखने को मिली कि अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक स्वयं दुसरे दिन भी मौके पर कमान संभाले नजर आए।
घटना के बाद पुलिस व राजस्व प्रषासन के आला अधिकारियों को इस तरह अपने समीप पहुंचकर हालचाल जानने सहित कार्यवाही करने का आष्वासन देने की प्रक्रिया से जहां पीडित परिवार अभिभूत नजर आ रहे हैं, वहीं दबी जुबां से यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि काष उनके द्वारा 25 फरवरी 2019 को आवेदन देने के तुरंत बाद ही पुलिस व राजस्व प्रषासन के आला अधिकारियों ने इसी तरह अपनी सक्रियता दिखाते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन किया होता, तो न ही उन 5 परिवार को अपने घरों से बेदखल होना पड़ता, और न ही पुलिस व राजस्व प्रषासन के आला अधिकारियों को भी इस तरह परेषान होना पडता। कुल मिलाकर ग्राम अरण्डी में घटित उक्त घटना को रूढ़ीगत ग्रामसभा के आदेष का हवाला देकर कुछ तथाकथित नेताओं के बहकावे में भले ही सैकडों लोगों ने जमा होकर अंजाम दिया हो, लेकिन चूंकि पीडित परिवारों के सदस्यों द्वारा दिनांक 25.02.2019 को ही उक्त संभावित हो सकने वाली घटना का हवाला देकर जान-माल की सुरक्षा की मांग की जा चुकी थी, इसके बावजूद पुलिस व राजस्व प्रषासन के आला अधिकारियों द्वारा समय रहते, ध्यान नहीं दिए जाने के परिणामस्वरुप पांच परिवारों को अपने-अपने घरों से बेदखल होने को बाध्य होना पड़ा। अब देखने वाली बात यह है कि रूढ़ीगत ग्रामसभा के आदेष का हवाला देकर उक्त कार्यवाही कराने वाले तथाकथित उक्त नेतागण, उक्त तरह ही अन्य कितनी घटनाओं को अंजाम देते हैं ? और वहीं पुलिस व राजस्व प्रषासन के आला अधिकारीगण, रूढ़ीजन्य/रूढ़ीगत ग्रामसभा के नाम पर शुरु की गई नई तरह की विचारधारा तैयार कर क्षेत्र में जातिगत वैमनस्यता फैलाने का प्रयास करने वाले मास्टर माइंड तक पहुंचकर कानूनी कार्यवाही कर पाती है या नहीं ?
सबका संदेस ब्यूरो, कोंडागांव 9425598008