जैसे ही सिंधु ने अपनी फूटी किस्मत का रोना शुरू किया तो उसके परिवार के सदस्यों ने फैसला किया कि वे वेडिंग हॉल में ही उसके लिए सही दूल्हा ढूंढेंगे। चंद्रप्पा पेशे से बीएमटीसी कंडक्टर हैं

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