शिवलोक गमन

शिवलोक गमनसबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-
गृहस्थ संत श्री आनंद परमानंद सरस्वती जी का कांशी वास के दौरान 20 मई बुधवार को शांम 06:15 बजे शिवलोक गमन हो गया । वे उपाध्याय परिवार कवर्धा निवासी चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के पिताजी थे ,आनंद परमानंद सरस्वती जी के शिवलोक गमन होने से उपाध्याय परिवार, सामाजिक जन, हितचिंतकों में दुःख व्याप्त है।
शङ्कराचार्य परंपरा के आधिकारिक मीडिया प्रभारी, पण्डित देव दत्त दुबे ने बताया कि दिनांक 20 मई 2020 बुधवार को संत मण्डली एवं पारिवारिक जन की उपस्थिति में, उन्हें जहां धर्मसम्राट यतिचक्रचूड़ामणि करपात्री जी महाराज जी को जल समाधि दिया गया था, उसी के समीप केदारघाट पर स्वामी जी को जल समाधि कांशी बनारस में दी गई । श्री आनंद परमानंद सरस्वती जी शङ्कराचार्य परंपरा के निर्वाहक एवं धर्म सम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज श्री के शिष्य थे , बहुँत ही सहज, सरल, सहयोगी एव मृदुभाषी स्वाभाव के धनी थे ।
उनके शिवलोक गमन से उनके चाहने वालों में शोक की लहर व्याप्त है, वे पिछले कई वर्षों से कांशी वास कर रहे थे, कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे । श्री परमानन्द उपाध्याय जी को कुछ दिनों पूर्व कांशी में शंकाराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ने, आतुर सन्यास की दीक्षा देकर, आनंद परमानंद सरस्वती नया नाम दिया था । वे अपने पीछे पत्नी, तिन पुत्रों और दो पुत्रियों सहीत भरा पूरा परिवार छोंड़ कर गए हैं, स्वामी जी की जल समाधि के समय उपाध्याय परिवार कवर्धा सहीत पारिवारिक जन बनारस में उपस्थित हैं ।
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