छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अब गांवों में भी ड्रेनेज को लेकर हो रहा ठोस काम घुघुवा में ग्रे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने से बोहरी तालाब की गंदगी दूर हुई

दुर्ग। ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम को ठीक कर गांव के इकोसिस्टम को ठीक करने के कार्य युद्धस्तर पर किये जा रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम घुघुवा में भी ग्रे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो गया है। इस प्लांट के तैयार हो जाने से घुघुवा के बोहरी तालाब के पानी की गुणवत्ता भी पहले की तुलना में काफी ठीक हुई है।

यह प्लांट स्वच्छ भारत मिशन एवं वाटर एड संस्था ने 7 लाख रुपए की लागत से तैयार किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी गिरीश माथुर ने बताया कि गांव में ड्रेनेज की अच्छी प्लानिंग नहीं होने की वजह से सारा गंदा पानी तालाब में जाता था। इसके चलते तालाब का पानी भी काफी दूषित होता था और इसके साथ ही भूमिगत जल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही थी।

प्लांट के बन जाने से पानी का स्तर काफी सुधरा है। 154 घरों का ड्रेनेज यहां से निकल कर प्लांट में पहुँच रहा है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कुछ घर ऐसे हैं जिन्हें सोख्ता गड्ढा बनाने राजी किया गया है। इसके लिए वाटर एड संस्था भी मदद कर रही है। इस तरह बेहतर ड्रेनेज के मामले में घुघुवा आदर्श गाँव बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही किचन गार्डन के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पानी का समुचित उपयोग हो सके। गांव में सिंगल यूज प्लास्टिक को भी हतोत्साहित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि ग्राम सभा की बैठक यहां हुई थी

और सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का फैसला किया गया था। उन्होंने बताया कि स्वच्छता के कार्यों में गांव वालों की रुचि को प्रोत्साहित करने सेग्रीगेशन शेड का निर्माण कराया गया तथा स्वच्छताग्राही महिलां समूह रिक्शे के माध्यम से घर-घर कचरा एकत्रित कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत घुघुवा (क) को ओ.डी.एफ. प्लस हेतु लक्षित है। इसी क्रम में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत ओ.डी.एफ. प्लस के 8 बिंदुओं पर कार्य कर, ग्रे-

वॉटर मैनेजमेंट मॉडल ग्राम के रूप में लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। वाटर एड की मदद से बनाएंगे सोख्ता गड्ढा, भरी हामी- गिरीश ने बताया कि ड्रेनेज के लिए गाँव वालों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है और गांव में लगभग दो सौ चालीस परिवारों ने सोख्ता गड्ढा बनाने के लिए हामी भर दी है। इस कार्य में ग्रामीणों को वाटर एड से भी मदद दी जाएगी।

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