ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का सीईटो रथ ने किया शुभारंभ

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भिलाई। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भिलाई इस्पात संयंत्र के क्रीड़ा, साँंस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ विभाग द्वारा 11 मई से 07 जून तक ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भिलाई नगर के विभिन्न 35 क्रीड़ाँगनों में 109 कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें बीएसपी व प्राइवेट शालाओं के लगभग 1735 छात्र/छात्राएँ भाग ले रहे हैं। ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का विधिवत् उद्घाटन बुधवार 15 मई को पंत स्टेडियम, सेक्टर-1 के बास्केटबॉल ग्राउंड में प्रात: 7.15 बजे मुख्य अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए के रथ ने किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन के के सिंह, महाप्रबंधक-प्रभारी परियोजनाएं ए के भट्ट एवं उप महाप्रबंधक-प्रभारी कार्मिक श्री एस के साहू उपस्थित थे। इसके अलावा इस अवसर पर क्रीड़ा, साँंस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएंँ विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक एस आर जाखड़, कनिष्ठ अधिकारी अभिजीत भौमिक सहित विभिन्न खेलों के प्रतिभागी एवं प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के पीटीआई, विभागीय सदस्यगण एवं अन्य खेल प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री रथ ने संयंत्र के खेल विभाग द्वारा विगत 43 वर्षों से ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर के आयोजन को उत्तरोत्तर प्रगति के साथ किये जाने की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव ही खेल के विकास हेतु तत्पर रहता आया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु खेल भी शिक्षा के अलावा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर ही एक ऐसा मंच है, जहाँं पर बच्चे अपने मनोवांछित खेल की बारीकियाँ दक्ष प्रशिक्षकों से प्राप्त कर सकते हैं। सीईओ ने खिलाड़ी बच्चों द्वारा विभिन्न खेलों के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि श्री रथ ने इस अवसर पर संयंत्र के खेल विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न खेल गतिविधियों की सराहना की तथा इन प्रयासों को संयंत्र प्रबंधन द्वारा आवश्यक सुविधाएँ निरंतर प्रदान करने का भरोसा दिलाया, जिससे सेल के इस ध्वजवाहक इस्पात संयंत्र को इस्पात निर्माण के साथ-साथ खेलों के सिरमौर के रूप में भी खिलाडिय़ों द्वारा राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाया जा सके।