छत्तीसगढ़

अयोध्या, चित्रकूट, सोमनाथ, ओंकारेश्वर समेत सम्पूर्ण भारत मे महाराज जी चला रहे नि:शुल्क भोजन भंडारे – बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*अयोध्या, चित्रकूट, सोमनाथ, ओंकारेश्वर समेत सम्पूर्ण भारत मे महाराज जी चला रहे नि:शुल्क भोजन भंडारे – बाबा उमाकान्त जी महाराज*

सबका सँदेश कान्हा तिवारी-
-सुख, शांति और भक्ति का सरल रास्ता बताने वाले उज्जैन के पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 2 फरवरी 2021 को अहमदाबाद, गुजरात में सतसंग सुनाते हुये भक्तों से आह्वान किया कि अभी तो आप लोगों ने खूब सेवा किया, पूरे देश के लोगों ने सेवा किया। भंडारे अन्य प्रदेशों में भी चल रहे हैं, लगातार चल रहे हैं। बड़े-बड़े भंडारे चल रहे हैं। चित्रकूट में, अयोध्या में और अभी गुजरात में भी प्रेमियों का भंडारा चालू हो गया। कहां पर? सोमनाथ में। पूर्णिमा का कार्यक्रम था। मैं वहाँ गया था। शुरुआत वहां से हो गई। 29 जनवरी 2021 से बराबर लोग आ रहे हैं, खा रहे, नि:शुल्क, एक पैसा भी किसी नही लिया गया। सारा खर्च प्रेमी आपस में सहयोग करते हैं। ऐसे सहयोग कर लिया करो। दूसरों से मत मांगना। दूसरों से सहयोग मत लेना नहीं तो आप की बरकत रुक जाएगी।
मांसाहारी, शराबी, कबाबियों से पहले कह दो आप छोड़ो मांसाहार, शराब छोड़ो, गलत कमाई सब खत्म करो फिर इसमें सहयोग करो। आ जाओ साथ में कंधे से कंधा मिला लो फिर तो एक दूसरे के सहयोगी हो जाएंगे।

*प्रेमियों! देश भक्ति और गुरु भक्ति बड़ी चीज़ है, इसे बनाये रखना -बाबा उमाकान्त जी महाराज*

महाराज जी ने बताया की देश भक्ति और गुरु भक्ति बड़ी चीज है। इसे बनाये रखना। देश की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है। इसलिए कभी हिंसा, आंदोलन, तोड़फोड़ और आत्महत्या मत करना। इससे केवल नुकसान होता है।

*देश की सम्पत्ति आपकी अपनी सम्पत्ति है। हड़ताल, तोडफ़ोड़, आंदोलन, हिंसा, हत्या कभी मत करना*

महाराज जी ने देशव्यापी आह्वान किया कि आप सब देश प्रेम बनाए रखना। देश की संपत्ति आपकी अपनी संपत्ति है। हड़ताल, तोड़फोड़, आंदोलन, धरना, घेराव, हिंसा-हत्या, आत्महत्या कभी भी मत करना। इससे नुकसान ही नुकसान है, फायदा नहीं है। देशभक्ति बड़ी चीज है। देश भक्ति, गुरु भक्ति, प्रभु की भक्ति – यह इस वक्त पर ज्यादा जरूरी है।

*प्रेमियों! मृत्यु सत्य है और परमात्मा सत्य है। इसको बराबर याद रखना*

गुरु महाराज ने कहा कि दो चीजें जो सत्य है – मृत्यु सत्य है और वह भगवान-परमात्मा सत्य है। इसको बराबर याद रखना। असत्य की, झूठे संसार की चीजों को अपना मत समझना। हो सके तो किसी को दो रोटी खिला दो, भूखा आ जाए तो खिला दो, प्यासा आ जाये तो पानी पिला दो, हो सके तो किसी की मदद कर दो। बुरा मत चाहो, किसी पर नीयत खराब मत करो। शाकाहारी रहना भजन, ध्यान, सुमिरन करते रहना।

*जयगुरुदेव नाम मुसीबत में मददगार – प्रेमियों! कर दो इसका प्रचार*

जय गुरु देव नाम का प्रचार करते रहना। लोगों को मुक्ति-मोक्ष दिलाने के लिए नामदान दिलाना और नामदान समझा कर सुमिरन, ध्यान, भजन उन लोगों को भी कराते रहना। संगत के जो जिम्मेदार लोग हो, सत्संगी हो – ध्यान, भजन जिस तरह से आप लोग कर रहे हो, करते रहना। आप सप्ताहिक सत्संग वगैरह करते रहना।

*गरीब, असहाय और गऊ माता की करते रहो सेवा*

गुरु महाराज ने कहा कि आप समय-समय पर जो असहाय को, गरीबों को भोजन कराते हो, कंबल बांटते हो, गउओं को जो एक तरह से भूखी सी हैं, वहां चारा-भूसा आप उनको देते रहते हो, खिलाते रहते हो, बराबर खिलाते रहना

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