बड़ी.खबर:जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बेमेतरा डीईओ बीइओ सीईओ थानेदार को कोर्ट में किये तलब
आखिर मूल अभिलेख गए कहां ?
बेमेतरा:शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा में एक नया मोड़ आ रहा है,माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश बेमेतरा ने जिले एवं ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को 23 जनवरी 2021 को अपने न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिए है जिसमे जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा,सीईओ जनपद पंचायत साजा, बीइओ साजा थाना प्रभारी साजा को उपस्थित होना है
जहाँ नियुक्ति से सम्बंधित मूल अभिलेखों के बारे में इन्हें जवाब देना है इसमे मुख्य रिस्पांसिबल पर्सन सीईओ जनपद पंचायत साजा है जिन्होंने थाना प्रभारी साजा को लिखित में जवाब दिए है कि मूल अभिलेख इस कार्यालय में उपलब्ध नही है, जबकि पूर्व सीईओ कुमार सिंह ने 2017 में थाना प्रभारी साजा को मूल अभिलेख(साक्ष्य नष्ट हो जाने)के संबंध में जो जवाब दिए है उसमें तो थाना प्रभारी के साक्ष्य नष्ट हो सकने के आरोप को एक सिरे से नकारते हुए अपने जवाबी पत्र में आरोपो को बेबुनियाद कहा गया था और आज 2020- 21में वही अभिलेख कहाँ गए,तीन वर्ष पूर्व 11 लोगो के विरुद्ध हुए एफआईआर में बिना मूल अभिलेख के ही चालान प्रस्तुत कर दिए ऊपर से वर्तमान सीईओ ने मूल अभिलेख गायब या नष्ट करने वालो के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के बजाय अपने अधोहस्ताक्षर से बकायदा थाना प्रभारी को लिखित में दिए है कि इस कार्यालय में मूल अभिलेख नही है और उनका यह कृत्य काफी हास्यप्रद और गैरजिम्मेदाराना है
**फर्जीयो पर कार्यवाही में डीईओ का रवैया भी ढीला ढाला**
भुनेश्वर शुक्ला और संगीता शुक्ला दोनो दंपति की फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से नौकरी करने की प्रमाणित शिकायत के बाद भी कार्यवाही में डीईओ कार्यालय की भूमिका काफी ढीला ढाला रहा है जनपद पंचायत नवागढ़ के सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार उक्त शिक्षकों के नियुक्ति से सम्बंधित मूल अभिलेख के संबंध में अब तक डीईओ कार्यालय से कोई पत्राचार नही हुवा है और नही शिकायत कर्ता को किसी भी पत्राचार की सूचनार्थ प्रतिलिपि भेजी गई है 24 किलोमीटर दूर नवागढ़ जनपद पंचायत से दो माह बाद भी जांच के लिए अभिलेख के सम्बंध में पत्र नही लिखा जाना डीईओ बेमेतरा के कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है
*सरगनाओं तक नही पहुच पाई साजा पुलिस*
2007 में हुए बहुचर्चित शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े में तीन वर्ष पूर्व हुए एफआईआर में साजा पुलिस अब तक सरगनाओं तक नही पहुच पाई 2008 से 2015 तक के समस्तजांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से घटनाक्रम को अंजाम देने वाले चयन समिति के ऊपर हाथ डालने में साजा पुलिस हिचकिचा रही है जबकि साक्ष्य और अपराधी दोनो जनपद पंचायत साजा में मौजूद है इसी तरह बिना नियुक्ति के दशकों तक नौकरी करने और कराने वाले मामला में भी सरगनाओं तक पुलिस नही पहुच पाई आखिर ऐसे मामले में जो फर्जी नियुक्ति आदेश,फर्जी ट्रांसफर आदेश,और फर्जी सर्विसबुक के सहारे नौकरी कर रहे लोगो को जनपद पंचायत साजा में कोई न कोई तो कार्यभार ग्रहण कराया होगा जिसमे तत्कालीन सीईओ और शिक्षा विभाग को सम्हाल रहे लिपिकों की भूमिका स्पष्ट रूप से दिख रही है
*हाई कोर्ट एवं कलेक्टर न्यायालय के निर्देश को हो रहा खुला उलंघन*
अपनी कृत्यों को छुपाने के लिए हाई कोर्ट के आड़ में फर्जी शिक्षाकर्मियों को न्यायालयीन ऑर्डर के विपरीत पुनर्नियुक्ति की गई है और इसी नियुक्ति को आधार बनाकर पूरे बेमेतरा जिले में फर्जी शिक्षाकर्मियों की पुनर्नियुक्ति की गई है जिसकी शिकायत करने पर उच्च कार्यालय और न्यायालय को भी झूठे तथ्य प्रस्तुत कर फर्जीयो की नियुक्ति को बरकरार रखा गया ताकि इनके कारनामो का उजागर न हो सके पूर्व में न्यायालय कलेक्टर ने भी सीईओ जनपद पंचायत साजा को मूल अभिलेख हेतु अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1333 प्र कले 2017 बेमेतरा दिनांक 18 सितम्बर 2017 को पत्र लिखे थे जिसमें इसी संबंध में तीन बार और पत्र लिखे जाने का उल्लेख किये है जिसका पत्र क्रमांक क्रमशः 1112 दिनांक 06 अप्रैल 2017,1093 दिनांक 15 मई 2017 और 1311 दिनांक 01 सितम्बर 2017 है,जिस पर भी सीईओ जनपद पंचायत साजा ने न्यायालय कलेक्टर बेमेतरा द्वारा अपेक्षित दस्तावेज नही सौपा जिससे सीईओ जनपद पंचायत साजा की गैर जिम्मेदाराना कृत्य परिलक्षित होता है मामले को जनपद पंचायत साजा के अधिकारियों द्वारा हर संभव दबाने की कोशिश की गई अंततः अपने बुने जाल में खुद फसते नजर आ रही है
मैं मूल अभिलेख के लिए जनपद गया था लेकिन सीईओ ने लिखित में मूल अभिलेख नही होने की जानकारी दी माननीय न्यायालय में डीईओ बीइओ,सीईओ और मुझे 23 तारीख को तलब किये है
*हर प्रशाद पांडे थाना प्रभारी साजा*
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संजु जैन
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