छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

रेत खदान के नाम पर 35 लाख रूपये की हुई ठगी, सात से करेंगे पीडि़त भूखहड़ातल पर

न्याय के लिए गृहमंत्री को मय दस्तावेज सौपा ज्ञापन, कहा वर्तमान सरकार पर मुझे भरोसा
भिलाई। चारामा स्थित सराधुनवागांव में वर्ष 2014-15 में रेत खदान के संचालन के नाम पर तत्कालीन प्रभारी मंत्री के लोगों द्वारा मेरे साथ 35 लाख रूपये की ठगी की गई है। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा पिछले पांच साल से पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन से लेकर अन्य जगह की जा रही है, लेकिन ऊंची राजनीतिक पहुंच रखने वाले इन रसूदारों पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। कांकेर पुलिस और दुर्ग पुलिस  प्रशासन द्वारा मुझे अब  तक कोई सहयोग नही किया गया। उक्त बाते भिलाई सेक्टर 5 निवासी शैलेन्द्र प्रसाद पाण्डेय ने एक पत्रकारवार्ता में कही। श्री पाण्डेय ने आगे बताया कि वर्ष 2015 से 2017 तक रेत खदान के संचालन के नाम पर ऊंची राजनीति रसूख रखने वाले मुन्ना पाण्डेय, गोल्डी सोनी, बसंत साहू, भूनेश्वर नागराज व इनके दबाव में तत्कालीन नगर पंचायत सीएमओ सौरभ तिवारी ने मिलकर रेत खदान संचालन के नाम पर मेरे से 35 लाख रूपये ठगी किये हैं। सरकार बदलने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री से मुझे आस जगी है कि मेरे साथ ठगी करने वाले इन लोगों के विरूद्ध कार्यवाही होगाी। आज मैंने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को लिखित में ज्ञापन और इस मामले का दस्तावेज सौंपा हूं ताकि मुझे न्याय मिल सके। इसकी प्रतिलिपि मैं मुख्यमंत्री, डीजीपी, आईजी, भिलाई नगर विधायक, दुर्ग, कलेक्टर और दुर्ग पुलिस अधीक्षक को भी दिया हू । कल सै मैँ सेक्टर 9 चौक पर भूख हड़ताल पर बैठूंगा और इस शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय तक पैदल मार्च कर शिकायत पत्र सौंपूंगा और फिर पैदल ही वापस भूखहड़ताल स्थल पर वापस आऊंगा और अपने अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ाई लउूंगा। ये लोग मुझसे राजनीतिक द्वेष रखते हैं क्योंकि मेरा सगा भाई विनोम  पाण्डेय नगर निगम भिलाई में एल्डरमेन था।
श्री पाण्डेय ने मामले की विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए आगे बताया कि चरामा स्थित सराधुनवागांव रेत खदान को तत्कालीन प्रभारी मंत्री द्वारा रेत खदान से मेरे द्वारा रेत खनन करवाने पर रोक लगवाते हुए उसे बंद करवा दिया गया। इस मामले को लेकर मैं प्रभारी मंत्री के भिलाई स्थित बंगले गया, जहां मेरी मुलाकात मुन्ना पाण्डेय, आशीष पाण्डेय और बसंत साहू से हुई। खदान को वापस चालू करवाने के लिए पचास प्रतिशत पार्टनरशिप और सारा इंवेस्टमेंट मेरा होगा, इस मसले पर बात हुई। इस मामले को लेकर अगले दिन आशीष पाण्डेय का मेरे मोबाईल पर काल आया कि आपके लिए गुड न्यूज है, आप सेक्टर 1 चौक के जुस दुकान पर आ जाईय, तो मैं वहां पहुंचकर आशीष पाण्डेय, बसंत साहू व दो अन्य लोगों से वहां मिला। बसंत साहू ने मुझे कहा कि मंत्री जी ने हां कह दिया है, पूरा पैसा आपको लगाना है और काम चालू करके एग्रीमेंट आशीष पाण्डेय, गोल्डी सोनी और अशोक यादव सारा काम देखेंगे। कुछ राजनीतिक कारणों से आपका नाम बैकफुट में रखना होगा। लेकिन महिनों बीत जाने के बाद भी मेरा काम चालू नही हुआ और जब इस बारे में इनसे चर्चा करता था तो ये लोग टालमटोल करते थे। इस दौरान मेरी समय अवधि खत्म हो गई। कुछ दिनों बाद मुझे साईड करके मुन्ना पाण्डेय विधायक चारामा के खास नरेन्द्र यादव के साथ मिलकर खुद रेत खदान चलाने लगे और पैसे की ललक के कारण इनमें आपसी फूट पउ़ गई और आशीष पाण्डेय और अशोक यादव को भी साईड कर दिया गया। इनके कहने पर ही मैने चेक क्रमांक  035550 बैंक ऑफ बड़ौदा से ढाईलाख रूपये सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर विकास समिति को दिया लेकिन मेरा चेक बाउंस हो गया, उसके बाद मैने 90 हजार रूपये कैस बैठक स्थल पर ग्राम समिति के सभी सदस्यों के सामने बैठक में जमा किया।

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