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जहां होता था पहले कचरा डंप, वही स्थल बनी अब महिलाओं के लिए आजीविका का केंद्र, Where there used to be a garbage dump earlier, this place became a center of livelihood for women

भिलाई। छत्तीसगढ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना एवं शहरी गौठान, किसानों, गौपालकों के साथ-साथ गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आमदनी में इजाफे का सबब बन गई है। इस योजना के तहत गौठानों में गोबर बेचने वाले पशुपालकों, चरवाहों को हर पखवाड़े में अच्छी खासी आमदनी हो रही है, जिसके चलते उनकी दैनिक जीवन की जरूरतें सहजता से पूरी होने लगी है। छत्तीसगढ सरकार की इस बहुआयामी एवं लाभकारी योजना ने देश-दुनिया को आकर्षित किया है। नगर निगम भिलाई के जोन 01 अंतर्गत कोसानगर स्थित शहरी गौठान ने शासन की योजना को मूर्त रूप देने महापौर एवं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव तथा निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देशन पर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ सभी आयामों में कार्य कर रही है! परित्यक्त गोवंश जो की पशुपालको के कोई लाभकारी काम नहीं आती और सड़को पर दुर्घटना का कारण बनती है। ऐसी गौवंश के बेहतर पालन का कार्य शहरी गौठान के माध्यम से नई उ?ान क्षेत्र स्तरीय संगठन की महिलाए कर रही है! लगभग 07 एकड़ के परिक्षेत्र में फैला यह गौठान राष्ट्रीय राजमार्ग में भिलाई नगर स्टेशन के बाजू स्थित है। यह स्थान ना सिर्फ शासन की शहरी गौठान योजना के मापदंडो को पूरा कर रहा है बल्कि महत्वपूर्ण योजना गोधन न्याय योजना के विभिन्न आयामों की भी पूर्ति कर रहा है। इस शहरी गौठान के संचालन की विशेषता यह है की नगर निगम के जोन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाजारों के निकलने वाले हरी सब्जी, फलो के छिलके को संकलित कर गौठान में पहुचाने का बीड़ा उठाया है। यह ग्रीन वेजिटेबल गौवंश के चारे में प्रयुक्त होता है। इसके अलावा शहर की सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाए व नागरिक दिन विशेष तय कर पशु आहार नि:शुल्क उपलब्ध कराकर देशी गायो की सेवा का पुण्य लेते है। साथ ही महिला समूह पौष्टिक दाना क्रय कर गौवंश का लालन-पालन करती है। आज लगभग 150 के अधिक परित्यक्त गौवंश का लालन-पोषण शहरी गौठान बखूबी कर रही है।  इन गायों के स्वास्थ्य, जांच व उपचार के लिए जिला पशु चिकित्सालय द्वारा पशु चिकित्सक नियुक्त है जो कि सोमवार से शनिवार पूर्वान्ह 11 से 2 बजे गौठान पहुंचकर चिकित्सा जांच करते है। इन देशी गौवंश से निकलने वाले गोबर से महिला समूह विभिन्न उत्पाद तैयार कर गौठान को स्वावलंबी बनने तथा स्वंय का जीवन विकास की मुख्यधारा से जोडऩे का कार्य कर रही है। आगामी दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते शहरी उड़ान सी.एल.एफ.  की महिलाये आकर्षक परंपरागत गोमय दीपक तैयार कर रही है। यह दीपक अब तक लगभग 10 हजार की संख्या में निर्मित हो चुका है। इसके अलावा गोबर के कंडे, धूप, सुगंधित अगरबत्ती, दंत मंजन, लक्ष्मी गणेश की मूर्तिया, मच्छर अगरबत्ती, गमले आदि तैयार कर स्थानीय बाजारों में विक्रय कर आमदनी प्राप्त कर रही है।  शहरी गौठान ने हासिल किया एक और उपलब्धि नगर निगम भिलाई के जोन-01 अंतर्गत शहरी गौठान ने आज एक और उपलब्धि हासिल की है। शासन की गोधन न्याय योजना के अंतर्गत निर्मित वर्मी कम्पोस्ट का सैंपल आज रायपुर के कृषि विभाग द्वारा मानक किया गया। अब इस गौठान की वर्मी कम्पोस्ट खाद 8 रूपये प्रति किलो की दर से पंजीकृत हितग्राहियों को उपलब्ध हो सकेगी। जोन आयुक्त सुनील अग्रहरी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में इस गौठान में गोधन न्याय योजना अंतर्गत 30 नग कम्पोस्ट पीट निर्मित किये गए है। प्रति टैंक की क्षमता 25 क्विंटल गोबर भरण की है। समिति के पास वर्तमान में 15 क्विंटल खाद स्टाक में उपलब्ध है! उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के शुभारंभ से अब तक शहरी गौठान ने 87 पंजीकृत पशु पालकों से 3597 क्विंटल गोबर 2 रुपए प्रति किलो की दर से क्रय किया है, जिससे वर्मी खाद बनाया जा रहा है। खाद के खरीदने के इच्छुक व्यक्ति पैक्स में पंजीयन कराकर उक्त खाद का क्रय कर प्राप्त सकते है! यहां गौवंश के चारे के लिए नेपियर घास, यशवंत घास उगायी जा रही है। इसके अलावा केला व पपीते की खेती के लिए भूमि तैयार की गयी है। जैविक खेती के माध्यम से यहां साग – सब्जी भी तैयार की जा रही है जो कि आम नागरिको के विक्रय के लिए उपलब्ध होगी।

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